विश्व

अमेरिका में साइबर हैकिंग में मिला रूस का हाथ, अब प्रतिबंध की सोच रहे हैं बाइडन

Neha Dani
25 Feb 2021 2:56 AM GMT
अमेरिका में साइबर हैकिंग में मिला रूस का हाथ, अब प्रतिबंध की सोच रहे हैं बाइडन
x
अमेरिका को रूस पर कार्रवाई करने में 'महीने नहीं बल्कि हफ्ते लगेंगे।'

विश्व की बड़ी तकनीक कंपनियों का कहना है कि सरकारी और कॉरपोरेट नेटवर्क में महीने भर चली साइबर घुसपैठ इतनी जटिल, केंद्रित और श्रमसाध्य थी कि इसके पीछे कोई देश ही हो सकता है तथा सारे साक्ष्य रूस की तरफ इशारा करते हैं।

साइबर घुसपैठ पर अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की पहली सुनवाई में तकनीक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह घुसपैठ सटीक, महत्वाकांक्षी और व्यापक थी। साइबर घुसपैठियों ने गोपनीय तरीके से अमेरिका और अन्य देशों के विशेष महत्व वाले ईमेल और दस्तावेजों को अपना निशाना बनाया।
माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने सीनेट इंटेलिजेंस समिति को बताया, 'हमने इस स्तर की जटिलता वाली घुसपैठ पहले नहीं देखी थी।' स्मिथ ने कहा कि जांचकर्ताओं के अनुसार घुसपैठ के लिए कोड तैयार करने में कम से कम 1,000 बेहद कुशल इंजीनियरों की जरूरत पड़ी होगी।
उन्होंने कहा कि इस कोड की सहायता से टेक्सास स्थित सोलर विंड्स के व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क सॉफ्टवेयर में घुसपैठ की गई और इससे विश्व भर में मैलवेयर भेजा गया। स्मिथ ने कहा, 'हमने पर्याप्त साक्ष्य देखे हैं जिनसे रूसी विदेशी खुफिया एजेंसी का हाथ होने के संकेत मिले हैं। हमें किसी और दिशा में इंगित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले हैं।'
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने भी कहा है कि साइबर घुसपैठ में रूस का हाथ होने की आशंका है। राष्ट्रपति जो बाइडन रूस को इसकी सजा देने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं, मास्को की ओर से इन आरोपों का खंडन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि साइबर घुसपैठ का मकसद गोपनीय जानकारी एकत्र करना था।
कम से कम नौ सरकारी एजेंसियां और सौ निजी कंपनियां इस घुसपैठ का शिकार हुए थे लेकिन यह नहीं बताया गया है कि कौन सी जानकारी चुराई गई। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका को रूस पर कार्रवाई करने में 'महीने नहीं बल्कि हफ्ते लगेंगे।'


Next Story