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रूस कर रहा लुहांस्क-डोनेस्क के करीब 20 शहरों में दिन-रात गोलाबारी, जपोरीजिया इलाके पर कब्जे की कोशिश में रूसी सेना
Renuka Sahu
11 Jun 2022 1:00 AM GMT
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फाइल फोटो
पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क प्रांत में लड़ाई अब गिने-चुने दिनों की बची है। सीवरस्की डोनेट्स नदी के दोनों किनारों पर बसे सीविरोडोनेस्क और लिसिचांस्क शहरों के ज्यादातर हिस्सों पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क प्रांत में लड़ाई अब गिने-चुने दिनों की बची है। सीवरस्की डोनेट्स नदी के दोनों किनारों पर बसे सीविरोडोनेस्क और लिसिचांस्क शहरों के ज्यादातर हिस्सों पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है। प्रांत के बाकी क्षेत्रों पर रूसी सेना पहले ही कब्जा कर चुकी है। लुहांस्क के गवर्नर सेरही गैदाई ने मान लिया है कि प्रांत के 98 फीसदी से ज्यादा इलाके पर रूसी सेना और समर्थकों का कब्जा हो गया है। यूक्रेन की सुरक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी दानिलोव ने भी सीविरोडोनेस्क की स्थिति को अत्यंत मुश्किल बताया है।
डोनेस्क में जारी है भीषण लड़ाई
डोनेस्क में भी भीषण लड़ाई चल रही है और आधे से ज्यादा इलाका रूसी सेना के कब्जे में आ चुका है। यूक्रेन की स्वोबोदा नेशनल गार्ड बटालियन के कमांडर पेट्रो कुसिक ने बताया है कि सीविरोडोनेस्क और लिसिचांस्क की सड़कों पर लड़ाई चल रही है। गुरुवार को रूसी सेना ने डोनेस्क और लुहांस्क (डोनबास) के 20 से ज्यादा शहरों-कस्बों पर गोलाबारी की। इस गोलाबारी में 49 रिहायशी मकान ध्वस्त हुए हैं जबकि कई सार्वजनिक संपत्तियां को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन की सेना टैंक और तोप की कमी से त्रस्त है। बावजूद इसके वह छोटे हथियारों से रूसी सेना का मुकाबला कर रही है।
पश्चिमी देशों से यूक्रेन ने मांगे टैंक
यूक्रेन सरकार ने पश्चिमी देशों से अविलंब टैंक और तोप मांगी हैं। दक्षिण में खेरसान और जपोरीजिया में लड़ाई तेज हो रही है। यूक्रेनी सेना जहां खेरसान को रूसी कब्जे से छीनने का प्रयास कर रही है, वहीं रूसी सेना जपोरीजिया के आबादी वाले इलाकों पर कब्जे की कोशिश में है। जपोरीजिया में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूसी सेना युद्ध के शुरुआती दिनों में ही कब्जा कर चुकी है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी जार पीटर द ग्रेट की 350 वीं जयंती पर कहा कि महान शासक ने अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लगातार 21 साल तक युद्ध किया था। पुतिन के इस उल्लेख को यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है। रूस ने यूक्रेन में भी लंबे समय तक युद्ध छेड़े रखने के संकेत दिए हैं।
यूक्रेन के प्रतिदिन 200 सैनिक जा रहे मारे
डोनबास में भीषण लड़ाई के बीच यूक्रेनी सेना का नुकसान भी बढ़ गया है। मई में रोजाना की लड़ाई में यूक्रेन के औसतन 100 सैनिक मारे जा रहे थे, वह संख्या जून में बढ़कर प्रतिदिन 200 सैनिकों के मरने की हो गई है। यह जानकारी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सहायक मिखाइलो पोडोल्याक ने दी है। उन्होंने बताया कि डोनबास में रूसी सेना की रात-दिन की गोलाबारी के बावजूद कई इलाकों में यूक्रेनी सैनिक अपने पैर जमाए हुए हैं। यूक्रेन को जल्द से जल्द पश्चिमी देशों के बड़े और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार चाहिए जिनसे वह रूसी सेना का मुकाबला कर सके। पोडोल्याक ने कहा, संसाधनों के लिहाज से गैर बराबरी की इस लड़ाई में यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मारीपोल में हैजा फैला
मारीपोल में इमारतों के मलबे में बड़ी संख्या क्षत-विक्षत लाशें निकलने के बाद शहर में हैजा फैलने की खबर है। माना जा रहा है कि पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में स्थिति गंभीर हो सकती है और हजारों लोगों की जान जा सकती है।
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