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नाटो देशों को क्या निपटाने के मूड में रूस, बॉर्डर पर तैनात किए 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेट

Subhi
15 Oct 2022 12:50 AM GMT
नाटो देशों को क्या निपटाने के मूड में रूस, बॉर्डर पर तैनात किए 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेट
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क्या रूस (Russia) अब पिछले 7 महीने से चली आ रही जंग को खत्म करने के मूड में आ गया है. क्या उसने यूक्रेन (Ukraine) का समर्थन कर रहे नाटो देशों का नामोंनिशान दुनिया के नक्शे से खत्म करने का मन बना लिया है.

क्या रूस (Russia) अब पिछले 7 महीने से चली आ रही जंग को खत्म करने के मूड में आ गया है. क्या उसने यूक्रेन (Ukraine) का समर्थन कर रहे नाटो देशों का नामोंनिशान दुनिया के नक्शे से खत्म करने का मन बना लिया है. दुनिया में यह डर इसलिए बढ़ गया है क्योंकि रूस ने नाटो की सीमा के पास परमाणु बम गिराने में सक्षम 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेट (Russia Nuclear Attack Plane) की तैनाती कर दी है. सैटेलाइट तस्वीर में नाटो देश नार्वे की सीमा के करीब रूस के कई न्यूक्लियर बॉम्बर जेट रेडी हालत में तैनात दिखे हैं. जबकि पहले इनकी तैनाती रूस के अंदरुनी इलाकों में रहती थी.

नाटो देशों के पास तैनात किए न्यूक्लियर बॉम्बर

अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स के मुताबिक नार्वे की सीमा के पास कोल्स्की प्रायद्वीप पर बने रूस (Russia) के एयरबेस ओलेन्या पर TU-160 श्रेणी के 7 और TU-135 श्रेणी के 4 विमान खड़े दिखे हैं. ये दोनों रूस के खास रणनीतिक विमान (Russia Nuclear Attack Plane) हैं. जिनसे दुश्मन के इलाके में जाकर परमाणु बम गिराया जा सकता है. इनमें TU-160 विमान एक बार फ्यूल भरकर 2 मैक की सुपर स्पीड से 7500 मील की नॉन स्टॉप उड़ान भर सकता है. यह आकार में रूस का सबसे बड़ा बमवर्षक विमान है और एक बार में छोटी दूरी की 12 परमाणु मिसाइलों को ले जा सकता है. वहीं TU-135 का आकार थोड़ा छोटा है लेकिन वह भी दुश्मन के इलाके में घुसकर परमाणु बम गिराकर तेज स्पीड से वापस लौटने में सक्षम है.

सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी विमानों की तैनाती

अमेरिकी लैब ने सैटेलाइट के जरिए 7 अक्टूबर को ये तस्वीरें ली थी, जिसमें ये परमाणु बमवर्षक विमान रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार दिख रहे हैं. इससे पहले इजराइल की एक खुफिया फर्म ने भी फिनलैंड की सीमा के पास बने रूस (Russia) के एक एयरबेस पर न्यूक्लियर बॉम्बर्स की तैनाती का पता लगाया था. फर्म ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया था कि उसने एयरबेस पर TU-160 और TU-135 विमानों (Russia Nuclear Attack Plane) की तैनाती देखी है. वहीं यूक्रेन (Ukraine) के बॉर्डर के पास एंगेल्स एयरबेस पर भी रूसी वायुसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं. वहीं पर रूसी एयरफोर्स के न्यूक्लियर बॉम्बर्स का एकमात्र ठिकाना हुआ करता है, जिसे अब नाटो देशों से सटे एयरबेस पर तैनात किया जा रहा है. इस एयरबेस को रूसी वायुसेना की 21वीं हेवी बॉम्बर एविएशन रेजिमेंट संचालित करती है.

पश्चिमी देशों को बार-बार चेता रहा रूस

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नाटो देशों से सटे रूस (Russia) के एयरबेसों पर परमाणु बमवर्षकों (Russia Nuclear Attack Plane) की तैनाती पश्चिमी देशों के लिए रूस की सीधी चेतावनी है. इसके जरिए रूस अपने विरोधी अमेरिका समेत बाकी पश्चिमी देशों को स्पष्ट रूप से चेता रहा है कि अगर वे किसी भी तरह यूक्रेन (Ukraine) के फेवर में युद्ध में उतरे तो रूस अपने अस्तित्व के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और नाटो देशों का नामोंनिशान मिटा सकता है.

'नाटो में शामिल हुआ यूक्रेन तो तीसरा वर्ल्ड वार'

हाल में रूसी (Russia) सुरक्षा परिषद के डिप्टी सेक्रेटरी अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने दुनिया को चेतावनी दी की कि अगर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन (Ukraine) को नाटो में शामिल किया और वे उसकी रक्षा के लिए युद्ध में उतरे तो यह स्पष्ट तौर पर तीसरे वर्ल्ड वार का आगाज होगा. उन्होंने कहा था कि नाटो देश इस कदम के रिएक्शन के बारे में अच्छी तरह समझते हैं और उम्मीद है कि वे ऐसी गलती नहीं करेंगे. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन ने क्रीमिया को वापस लेने की कोशिश की तो वह उसके खिलाफ परमाणु बमों का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं करेगा.

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