यूक्रेन पर रूस (Russia-Ukraine Conflict) के हमले का काउंटडाउन ख़त्म होने वाला है. हमले को रोकने के लिए नाटो अभी भी रूस को सीधे हमले की धमकी नहीं दे रहे. दरअसल उनकी ये धमकी पुतिन के पांच विनाशक हथियारों की वजह से अमेरिका और नाटो को भी महंगी पड़ सकती है. वहीं यूक्रेन के लिए तो रूस का सिर्फ एक धमाका ही काफी है, जो रूस दुनिया के सबसे बड़े परमाणु बम से कर सकता है.
रूसी घेरे से डरा हुआ है यूक्रेन
कयामत के दिन से ठीक पहले इंसान क्या सोचेगा. उसकी रातें कैसे कटेंगी. इसके बारे में समझना हो तो यूक्रेन के लोगों से पूछिए. उनके दिल की हालत को समझिए. यूक्रेन को इस कयामत की झांकी दिखाने की तैयारी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कर ली है. रूस (Russia) ने अपनी ज्यादातर फौज, अर्टिलरी और विनाशक हथियार यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात कर दिए हैं. रूस की ये आक्रामक तैयारियां बता रही हैं कि जो भी सामने आएगा, कुचला जाएगा.
यूक्रेन के सामने सबसे बड़ी आफत इस बात की है कि कयामत कहां से उन पर टूटेगी, इसका उसे पता ही नहीं है. समंदर में रूस (Russia) के सबसे घातक युद्धपोत आग बरसा रहे हैं . ये वो इलाका है जहां रूस की ताकत के सामने यूक्रेन ज़ीरो है. वहीं बेलारूस की तरफ से भी उसके तोपों और टैंक के गोले भी यूक्रेन की सेना और लोगों पर आफत की तरह बरसेंगे. रूस की वायुसेना के सुखोई 35 जैसे विमान भी मिसाइलों के साथ यूक्रेन पर यमदूतों की तरह टूट पड़ेंगे.
अमेरिका और नाटो भी नहीं दिखा पा रहा हिम्मत
इतना सब कुछ होते देखने के बावजूद अमेरिका और नाटो के सहयोगी देश खुलकर रूस (Russia) के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. इसकी वजह ये है कि रूस के पास दुनिया के ऐसे 5 खतरनाक हथियार हैं, जिनके जरिए वह किसी भी दुश्मन का मटियामेट कर सकता है. इन हथियारों की तैनाती से ही दुश्मनों में घबराहट बढ़ जाती है.
दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु बम रूस (Russia) के पास है. इसका परीक्षण आज से 6 दशक पहले किया गया था. रूस ने अपना सबसे बडा परमाणु बम अगर यूक्रेन पर फोड़ा तो धमाका होते ही यूक्रेन के 60 लाख लोग फौरन खत्म हो जाएंगे.
रूस के पास है दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु बम
वर्ष 1961 में सोवियत संघ यानी आज के रूस (Russia) ने दुनिया के सबसे बड़े, शक्तिशाली और ख़तरनाक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था. उस वक़्त ये धमाका दुनिया के लिए टॉप सीक्रेट था. जिसके बारे में धमाका करने वाले रूस के अलावा किसी भी देश को कानो कान तक ख़बर नहीं हुई थी .
रूस (Russia) के जॉर बम की ताक़त का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जापान के हिरोशिया में गिराए गए अमेरिका के परमाणु बम लिटिल ब्वॉय से यह 3333 गुना ज़्यादा शक्तिशाली था. यानि इससे होने वाली तबाही भी हिरोशिमा में हुई तबाही से 3333 गुना ज़्यादा होती
60 लाख लोग तुरंत हो जाएंगे खत्म
यह बम कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे विश्व युद्ध में इस्तेमाल हुए समूचे पूरे गोले-बारूद से भी यह बम 10 गुना ज्याजा शक्तिशाली है. यह बम एटम बम और हाइड्रोजन बम की तकनीक मिलाकर तैयार किया गया था. इस बम को जार बम भी कहा जाता है. अगर यह बम अगर पूरी ताक़त से फटेगा तो कुछ भी नहीं बचेगा. इस परमाणु बम की विनाशक क्षमता को देखते हुए इसे धरती के ख़ात्मे का हथियार कहा जाता है.
रूस (Russia) ने सिर्फ़ ताक़त दिखाने के लिए इस बम का परीक्षण किया था. सोचकर देखिए, अगर जो काम अमेरिका ने जापान के साथ किया था वहीं काम अगर रूस यूक्रेन या किसी भी नाटो देश के साथ कर दे तो क्या होगा. ऐसे हथियार ही रूस के दुश्मनों में खौफ़ पैदा कर रहे हैं और नाटो में शामिल महाशक्तिशाली देश भी रूस के मुकाबले में सीधे नहीं उतरना चाहते.
पुतिन के 5 विनाशक हथियार
रूस (Russia) का एक ऐसा ही महाविनाशक हथियार है किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलें. ये हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइल रूस के मिग 31 लड़ाकू विमानों पर लगी हुई हैं. अब रूस ने इन विमानों की तैनाती अपने कालिनग्राड शहर में की है, जो बाल्टिक सागर के पास स्थित है. किंझल मिसाइलों से लैस मिग 31 विमानों को कालिनग्राड में तैनात करना यूक्रेन और नाटो देशों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.