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रूस के पास दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर वायु सेना, लेकिन इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा? जानें विशेषज्ञ क्या बोले

jantaserishta.com
3 March 2022 2:55 AM GMT
रूस के पास दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर वायु सेना, लेकिन इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा? जानें विशेषज्ञ क्या बोले
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फोटो क्रेडिट: PTI

मास्को: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russian Ukraine war) को एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है. युद्ध का आगाज हुए इतने दिन होने के बावजूद रूस की सेना अब तक यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव जैसे बड़े शहरों पर कब्जा नहीं कर पाई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार रूस, यूक्रेन के खिलाफ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकतवर वायुसेना (Russian Air Force Aircraft) का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा है?

पिछले छह दिनों में रूस ने अपनी वायु सेना की जगह अपनी थल सेना पर ज्यादा भरोसा किया है. शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि रूस को लगा था कि वह कम सैनिकों के साथ यूक्रेन पर कब्जा करने में कामयाब हो जाएगा, लेकिन धरातल पर बात बिल्कुल उलट हो गई. यूक्रेन के सैनिक रूसी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने में जुट गए.
सैन्य विशेषज्ञों ने रूसी सेना के साथ वायु सेना के इस्तेमाल के बहुत कम सबूत ही देखें हैं. इससे जमीन पर मौजूद रूसी सेना की ताकत भी कम हो रही है. उधर, यूक्रेन की सेना तुर्की से मिले ड्रोन, अमेरिकी और ब्रिटिश एंटी टैंक मिसाइलों से लैस होकर हमले कर रही है. यूक्रेन ने दावा किया है कि युद्ध में रूस के अब तक 5,840 सैनिक मारे गए हैं. वहीं, रूस कह रहा है कि उसने पूर्ण-थ्रॉटल हमला किया ही नही हैं.
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
रूस द्वारा वायुसेना का इस्तेमाल न किए जाने पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक कुमार का मानना है कि रूस बड़े पैमाने पर हमला करने से बच रहा है, क्योंकि उसे यूक्रेन में रहने वाले लोगों की चिंता है. मेजर जनरल अशोक कुमार कहते हैं कि रूस ने युद्ध की शुरुआत बहुत ही धीमी की थी. रूस को लगा था कि यूक्रेन यूरोपीय संघ में शामिल होने के जिद को छोड़ देगा और बातचीत से हल निकल जाएगा. लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि रूस सिर्फ यह चाहता है कि यू्क्रेन यूरोपीय संघ में शामिल न हो, क्योंकि इससे उसकी सीमा सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा.
क्या असक्षम है रूस?
रूस के यूक्रेन युद्ध में वायु सेना का इस्तेमाल न किए जाने पर कुछ विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं. विशेषज्ञ इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिरकार रूस वायु सेना को रण में उतारने के लिए असक्षम है या सिर्फ यूक्रेनी नागरिकों को जाने के लिए समय दे रहा है. भारत के साथ ही रूस के अपनी वायु सेना के इस्तेमाल न करने को लेकर अमेरिकी अधिकारी भी चकित हैं.
अमेरिकी वायु सेना के रिटॉयर्ड थ्री-स्टार जनरल डेविड डेप्टुला का कहना है कि उन्हें आश्चर्य है कि रूस ने शुरू से ही हवाई प्रभुत्व स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत नहीं की. उन्होंने यह भी कहा कि रूस जानता है कि कई डाइमेंशन में युद्ध को चलाना आसान काम नहीं है.
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वायुसेना रूस के पास है
दुनियाभर में हवाई ताकत के मामले में रूस का स्थान अमेरिका के बाद दूसरा है. रूस के पास कुल 4173 विमान हैं, जिनमें 772 लड़ाकू, 739 अटैक, 445 ट्रांसपोर्ट, 552 ट्रेनर, 132 स्पेशल मिशन, 20 टैंकर, 1543 हेलीकॉप्टर और 544 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं.
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