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वहीं, साल रूस ने भी सीरिया में फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल किया था.
रूस के हमला करने के बाद यूक्रेन भी डटकर सामना कर रहा है. हालांकि, रूस की सेना यूक्रेन पर भारी पड़ रही हैं. वह लगातार सीमा से देश की अंदर की तरफ बढ़ रही हैं, लेकिन यूक्रेन भी झुकने को तैयार नही हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि रूस दुनिया के सबसे शक्तिशाली बम का इस्तेमाल कर सकता है, जिसे 'फादर ऑफ ऑल बॉम्ब' कहा जाता है.
300 मीटर के क्षेत्र को जलाकर कर सकता है खाक
रूस के पास दुनिया का सबसे घातक फादर ऑफ ऑल बॉम्ब मौजूद है. हालांकि, यह गैर परमाणु बम है, लेकिन दुनिया में काफी शक्तिशाली माना जाता है. इसे एविएशन थर्मोबेरिक बॉम्ब ऑफ इन्क्रीज्ड पॉवर भी कहा जाता है. इसे रूस ने 2007 में बनाया था. यह एक बार में ही करीब 44 टन टीएनटी की ऊर्जा निकलती है और 300 मीटर के क्षेत्र का इलाका जलकर खाक हो सकता है. ेइस बम का वजन करीब 7 हजार टन है. इसे जेट से गिराया जाता है और हवा के बीच में ही विस्फोट करता है.
सीरिया में किया गया था इस्तेमाल
जानकारों का मानना है कि इसका इस्तेमाल सीरिया में भी किया गया था. ऐसे में यूक्रेन को युद्ध में घुटने टेकने के लिए मजबूर करन के लिए इस बम से धमाका किया जा सकता है. यह एक मनोवैज्ञानिक हथियार है. इससो जहां एक तरफ बड़े पैमाने पर लोग हताहत होंगे. वहीं, दूसरी तरफ टैंकों को भी नुकसान होगा.
ऑक्सीजन की मदद से करता है विस्फोट
फादर ऑफ ऑल बॉम्ब हवा में मौजूद ऑक्सीजन का इस्तेमाल अधिक शक्तिशाली विस्फोट के लिए करता है. इसका प्रभाव एक छोटे परमाणु बम की तरह होता है. जब यह बम फटता है तो बहुत अधिक तापमान या ऊर्जा निकलती है. ऐसे में यह पारंपरिक बमों की तुलना में कहीं अधिक स्तर पर तबाही मचाता है.
अमेरिका के पास मदर ऑफ ऑल बॉम्ब
रूस ने फादर ऑफ ऑल बॉम्ब को अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बॉम्ब के तर्ज पर तैयार किया है. अमेरिका ने मदर ऑफ ऑल बॉम्ब की परीक्षण 2003 में किया था. इसका आधिकारिक नाम GBU-43/B है. यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है. इसका वजन करीब 10 हजार किलोग्राम है और यह करीब 11 टीएनटी की ताकत से धमाका करता है. इसके विस्फोट से 150 से 300 मीटर तक का क्षेत्र तबाह हो सकता है. अमेरिका ने 2017 में अफगानिस्तान में मदर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल किया था. वहीं, साल रूस ने भी सीरिया में फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल किया था.
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