
रूस ने यूक्रेन पर हमले की 70 फीसदी तैयारी पूरी कर ली है। अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि यूक्रेन पर बड़ा हमला करने से रूस अब कुछ ही कदम दूर है। फरवरी के मध्य से यूक्रेन की सीमा तक अतिरिक्त रसद, भारी उपकरण व हथियार पहुंचाने के लिए स्थितियां अनुकूल होने पर रूस यूक्रेन पर हमला करेगा। जबकि, पहले ही एक लाख से ज्यादा सैनिक सीमा पर तैनात हैं, लेकिन लगातार रूस हमले की तैयारी को नकारते हुए कह रहा है कि उसके सैनिक वहां अभ्यास कर रहे हैं।
हालांकि, अमेरिका और नाटो सहयोगियों का मानना है कि इसके पीछे रूस का इरादा यही है कि यूक्रेन को अपनी रक्षा के लिए तैयार होने का मौका नहीं दिया जाए। यूक्रेन की राजधानी से 75 किमी दूर रूसी बॉम्बरों ने बरसाए बम इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि वे नहीं जानते कूटनीतिक प्रयासों की संभावना शेष होने के बाद भी रूस के राष्ट्रपति इस तरह का आत्मघाती फैसला क्यों लेने जा रहे हैं।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल रूस मौसमी हालात की वजह से हमला नहीं कर रहा है। 15 फरवरी से मार्च के अंततक हमले के लिए सबसे अनुकूल मौसम होगा और तभी रूस आगे बढ़ेगा।
इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि रूस पर यूक्रेन के हमले में 50 हजार आम लोगों की मौत होने की आशंका है। इसके अलावा हमले के कुछ दिनों के भीतर ही यूक्रेन की राजधानी रूस के कब्जे में होगी, जिसके बाद यूरोप में एक बड़ा शरणार्थी संकट सामने आ सकता है।
यूक्रेन की राजधानी से 75 किमी दूर रूसी बॉम्बरों ने बरसाए बम
रूस के टीयू22एम3 बम वर्षक विमानों ने यूक्रेन की राजधानी कीव से महज 75 किलोमीटर की दूरी पर बेलारूस में युद्धाभ्यास के दौरान चार घंटे तक बम गिराए। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में बयान जारी कर बताया कि शनिवार को बेलारूस की वायु सेना के रूस अभ्यास किया। रूस ने साइबेरिया और बेलारूस में यूक्रेन की सीमा के पास सैनिक तैनात कर रखे हैं। इस युद्धाभ्यास को रूस की तरफ यूक्रेन की राजधानी पर हमले के अभ्यास के तौर पर देखा जा रहा है।
पोलैंड पहुंचे अमेरिकी सैनिक
यूक्रेन पर रूस के हमले की सूरत में जवाबी कारवाई और हमले को रोकने के लिए नाटो और अमेरिकी सैनिकों की पोलैंड में तैनाती बढ़ती जा रही है। नाटो सैनिकों का पहला जत्था शनिवार को रेजजो पहुंचा। इसके अलावा और सैनिक जल्द पहुंचने वाले हैं।
रूस का आरोप यूक्रेन ने समझौता तोड़ा
रूस ने यूक्रेनी सरकार पर मिन्स्क समझौते को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। शांति बहाल करने के लिए इस समझौते कि तहत स्वाथों क्षेत्र को रूसी समर्थित विद्रोहियों को सौंपना तय हुआ था। 2014 से यहां यूक्रेनी बलों और विद्रोहियों की झड़पों में 14,000 लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलवा रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हो।