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रूस ने तेज कर दी है जंग की तैयारी, बाइडेन ने दी आखिरी चेतावनी

Neha Dani
16 Feb 2022 8:08 AM GMT
रूस ने तेज कर दी है जंग की तैयारी, बाइडेन ने दी आखिरी चेतावनी
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यह शांति समझौतों का उल्लंघन माना जाएगा और दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ जाएगा.

रूस (Russia) ने भले ही यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण से इनकार किया है, लेकिन खबर है कि वो अगले कुछ घंटों में जंग का ऐलान कर सकता है. ब्रिटिश मीडिया (British Media) का कहना है कि रूस ने जंग की तैयारी तेज कर दी है और अगले कुछ घंटों में वो युद्ध का ऐलान भी कर सकता है. वहीं, अमेरिका (America) ने रूस को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा है कि उसे युद्ध की भारी कीमत चुकानी होगी.

'तबाही का जिम्मेदार होगा रूस'
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने ब्रिटिश मीडिया के खुलासे के बीच कहा कि यदि रूस (Russia) यूक्रेन पर हमला करता है, तो तबाही का जिम्मेदार वो खुद होगा, क्योंकि अमेरिका इस हमले का करारा जवाब देगा. इससे पहले भी बाइडेन कई बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन की सीमा पर हालात सामान्य करने के लिए कह चुके हैं, लेकिन पुतिन पर उसका कोई असर नहीं हुआ है. गौरतलब है कि रूस की तरफ से कहा गया है कि वो युद्ध नहीं चाहता. उसने कुछ सैन्य टुकड़ियां पीछे हटाने की बात भी कही है.
अभी टला नहीं है खतरा
रूसी दावे के इतर ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि जंग का खतरा टला नहीं है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद रूस यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा है और रूसी राष्ट्रपति पुतिन अगले कुछ घंटों में इसका ऐलान कर सकते हैं. वहीं, यूक्रेन ने कहा है कि उसे रूस की बात पर तब विश्वास होगा, जब रूसी सैनिक वापस जाते दिखेंगे. उधर, नाटो (NATO) का कहना है कि अभी ऐसे सबूत नहीं मिले जिनसे रूस (Russia) के दावे की पुष्टि हो सके.
यहां, एक नए टकराव की आहट
इस बीच, BBC की रिपोर्ट के अनुसार, एक अहम घटनाक्रम में रूसी संसद ने वोटिंग कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के दो गणराज्यों लुहानस्क और दोनेत्स्क की आजादी को मान्यता देने की अनुमति दे दी . इन दोनों गणराज्यों ने खुद को यूक्रेन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था. रूस ने इन दोनों गणराज्यों के 7,20,000 लोगों की अपनी नागरिकता दी है. यहां 2014 से विद्रोह शुरू हो गए थे. यदि पुतिन यूक्रेन से अलग हुए इन दोनों गणराज्यों को मान्यता दे देते हैं, तो यह शांति समझौतों का उल्लंघन माना जाएगा और दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ जाएगा.


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