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अमेरिका के प्रतिबंध पर भड़का रूस, अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने कहा- भारत पर गिर सकता है 500 टन का ढांचा

Bhumika Sahu
26 Feb 2022 6:15 AM GMT
अमेरिका के प्रतिबंध पर भड़का रूस, अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने कहा- भारत पर गिर सकता है 500 टन का ढांचा
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रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने कहा कहा कि अगर आप आपसी सहयोग को रोक देते हैं तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को आर्बिट से बाहर निकलने और अनियंत्रित होने से कौन बचाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन पर भी इस 500 टन वजनी संरचना के गिरने की संभावना है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका ने रूस पर कड़ी प्रतिबंध लगाए हैं। जिसके बाद रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने अमेरिका के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नए प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पर यूएस-रूसी टीम वर्क को खत्म कर सकते हैं। हालांकि, नासा ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख की इन टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया है।

दरअसल, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के महानिदेशक दिमित्री रोगोजिन ने ट्विटर पर लिखा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को नए प्रतिबंधों की घोषणा की है कि उनके (रूस के) एयरोस्पेस इंडस्ट्री और अंतरिक्ष प्रोग्राम के गौरव को ठेस पहुंचाई जाएगी। क्या आप हमारे सहयोग को नष्ट करना चाहते हैं? रायटर्स के मुताबिक दिमित्री रोगोजिन ने आगे कहा कि अगर आप आपसी सहयोग को रोक देते हैं तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को आर्बिट से बाहर निकलने और अनियंत्रित होने से कौन बचाएगा। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका या यूरोप में गिर जाएगा। भारत और चीन पर भी इस 500 टन वजनी संरचना के गिरने की संभावना है। क्या आप उन्हें इस संभावना से धमकाना चाहते हैं? आईएसएस रूस के ऊपर से नहीं उड़ता है, इसलिए सभी जोखिम आपके हैं।
रोगोजिन के बयान पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के चल रहे सुरक्षित संचालन के लिए स्टेट स्पेस कारपोरेशन रोस्कोसमोस सहित हमारे सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रखे हुए है। नए निर्यात नियंत्रण उपाय यूएस-रूस नागरिक अंतरिक्ष सहयोग की अनुमति देना जारी रखेंगे। इसमें कोई बदलाव की योजना नहीं है। आर्बिट और ग्राउंड स्टेशन संचालन में जारी रखने के लिए एजेंसी का समर्थन है।
नासा और रोस्कोस्मोस ने इस सप्ताह बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों एजेंसियां अभी भी एक 'क्रू एक्सचेंज' सौदे की दिशा में काम कर रही थीं, जिसके तहत शीत युद्ध के पूर्व अंतरिक्ष प्रतिद्वंद्वी नियमित रूप से एक-दूसरे के अंतरिक्ष यान पर आईएसएस के लिए उड़ानें मुफ्त में साझा करेंगे। बता दें कि इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में 4 अमेरिकी, दो रूसी और एक जर्मन अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।


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