विश्व
NATO में फिनलैंड की एंट्री के मामले पर भड़का रूस, राष्ट्रपति पुतिन का पारा सातवें आसमान पर पहुंचा
Renuka Sahu
13 May 2022 1:47 AM GMT
![Russia furious over Finlands entry into NATO, President Putins mercury reached seventh heaven Russia furious over Finlands entry into NATO, President Putins mercury reached seventh heaven](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/05/13/1629622-nato-.webp)
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फाइल फोटो
आज रूस-यूक्रेन युद्ध का 78वां दिन है और आज युद्ध के मैदान से बहुत सारी विध्वंसक तस्वीरें सामने आई हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।आज रूस-यूक्रेन युद्ध का 78वां दिन है और आज युद्ध के मैदान से बहुत सारी विध्वंसक तस्वीरें सामने आई हैं. यूक्रेन (Ukraine) ने डोनबास की ओर दाखिल हो रहे रूसी सेना (Russian Army) के फॉर्मेशन को ध्वस्त कर दिया है. रशियन फोर्स के बनाए पंटून पुल को तोड़ दिया है तो रशियन फोर्सेज के आगे अजोवस्टल प्लांट में मौजूद यूक्रेनी सैनिक भी सरेंडर के मोड में आ गए हैं. लेकिन सबसे बड़ी खबर ये कि आज युद्ध में फिनलैंड (Finland) टर्निंग प्वाइंट बन गया. रूस का ये पड़ोसी देश भी अब NATO की सदस्यता लेने के लिए आगे बढ़ चुका है. जंग के 78वें दिन रूस की गोलाबारी तेज हो गई है. रशियन आर्मी ने 152-mm ऑटोमेटिक होवित्जर तोप से यूक्रेन फोर्स पर गोले दागे. रशियन डिफेंस मिनिस्ट्री ने इसका वीडियो भी जारी किया है.
वॉर जोन में रूसी फौज का D-30 होवित्जर तोप भी एक्टिव है. रूसी सैनिकों ने यूक्रेन फोर्स के जवानों पर टारगेट सेट करने के बाद फिर ताबड़तोड़ फायरिंग की. रूसी बमबारी से मारियुपोल में भारी तबाही. हुई है. बारूदी हमले के बाद पूरा इलाका धुएं से भरा है और हर तरफ मलबा बिखरा पड़ा है. वहीं यूक्रेन का दावा है कि रूस की सेना आम लोगों को निशाना बना रही है. कीव के पास दो नागरिकों को गोली मारी गई है. यूक्रेन ने 10 मार्च का वीडियो भी जारी किया है. रूसी सैनिकों के खिलाफ यूक्रेन फोर्स ने जबरदस्त पलटवार करते हुए ब्रिटिश एंटी टैंक मिसाइल से हमला कर रशियन टैंक को तबाह किया.
पुतिन का पारा सातवें आसमान पर पहुंचा
मई का महीना है और May day यानी वर्ल्ड वॉर थ्री की distress call साफ-साफ सुनाई देने लगी है. रूस के बॉर्डर पर नाटो अपर हैंड में आने लगा है और इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. रूस-यूक्रेन में चल रही जंग का आज 78वां दिन है, लेकिन अब ये वॉर रुकने की जगह escalate होने लगी है, क्योंकि अब रूस के पड़ोसी देश अब एक-एक कर नाटो की ओर बढ़ने लगे हैं. आज फिनलैंड ने एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया है. फिनलैंड ने फैसला किया है कि वो रशियन AGRESSION से बचने के लिए जल्द से जल्द नाटो की मेंबरशिप के लिए अप्लाई करेगा.
इस फैसले को लेकर फिनलैंड के प्रेसिडेंट Sauli Niinisto और प्राइम मिनिस्टर Sanna Marin ने आज साझा बयान जारी किया. इस बीच एक ओपिनियन पोल के हवाले से कहा गया है कि फिनलैंड की तीन-चौथाई जनता नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव के पक्ष में है. लेकिन फिनलैंड के इस फैसले से पुतिन का मूड खराब हो गया है और रूस ने आज अपने इस पड़ोसी देश को भी धमकी दे दी. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि नाटो में फिनलैंड के शामिल होने के फैसले का रूस स्थिति के अनुसार जवाब देगा. रूस ने कहा है कि नाटो में शामिल होने के पक्ष में फिनिश नेतृत्व का बयान हेलसिंकी की विदेश नीति में आमूलचूल परिवर्तन दिखाता है. फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से रूसी संघ के साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान होगा इसलिए हेलसिंकी को नाटो में संभावित प्रवेश की जिम्मेदारी और परिणामों के बारे में पता होना चाहिए.
अब जरा सोचिए, जिस यूक्रेन को नाटो में जाने से रोकने के लिए पुतिन ने अपनी फोर्स भेज दी, मिसाइलें दागीं, पूरे देश को कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया. वो रूस अब उसी देश के बराबर फिनलैंड को नाटो में जाने से रोकने के लिए क्या करेगा? कुछ देर पहले मॉस्को में आर्थिक मुद्दें को लेकर एक मीटिंग हुई है और इस मीटिंग में पुतिन ने विक्टिम कार्ड खेला है और अमेरिका को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि पूरी दुनिया को dominate करने की महात्वाकांक्षा में अमेरिका बाकी दुनिया की बलि चढ़ा देगा. परिस्थिति कितनी तनावग्रस्त है, ये आज के फिनलैंड के घटनाक्रम से समझिए. आज जिस वक्त यूक्रेन के ईस्टर्न फ्रंट पर रूसी धमाके हो रहे थे, उसी दौरान कीव से 1400 किलोमीटर दूर हेलसिंकी में अचानक हलचल हुई. कागज का एक पन्ना सामने आया और फिर देखते ही देखते पावर बैलेंस नाटो और अमेरिका की तरफ मुड़ गया.
ऐसी वर्ल्ड ब्रेकिंग न्यूज आ गई जिसने पुतिन का पारा सातवें आसमान पर पहुंचा दिया. आपको डॉक्यूमेंट की डिटेल बताएं उससे पहले अलग-अलग इंटरनेशनल अखबारों की हेडलाइंस पर गौर कीजिए. BBC ने लिखा कि फिनलैंड के लीडर्स ने कहा है कि फिनलैंड को बिना देरी किए नाटो में शामिल हो जाना चाहिए. CNN ने छापा कि फिनलैंड के लीडर्स ने नाटो मेंबरशिप के लिए सपोर्ट किया. इसके जरिए फिनलैंड नाटो के और करीब आ जाएगा. डेली मेल ने रिपोर्ट किया कि यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए फिनलैंड के नेताओं ने बिना देरी किए नाटो में शामिल होने की मंशा जाहिर दी है. इसी तरह रशिया टुडे ने इस खबर को फ्रंट न्यूज बनाया. RT ने लिखा कि फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने नाटो को लेकर बयान दिया है. रूस का नॉर्दर्न नेबर अब अमेरिका की अगुवाई वाले नाटो ब्लॉक का सदस्य बनेगा.
नाटो की मेंबरशिप के जरिए फिनलैंड की सिक्योरिटी होगी मजबूत
असल में फिनलैंड के प्रेसिडेंट सौली निनित्सो और प्राइम मिनिस्टर सना मारिन का एक ज्वाइंट स्टेटमेंट सामने आया. इसमें कहा गया है कि नाटो की मेंबरशिप के जरिए फिनलैंड की सिक्योरिटी मजबूत होगी. नाटो का सदस्य बनने के बाद फिनलैंड पूरे डिफेंस एलायंस को मजबूती देगा. फिनलैंड को बिना देरी किए नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि जो राष्ट्रीय स्तर पर फैसले लिए जाने हैं, उसकी प्रक्रिया आनेवाले दिनों में पूरी कर ली जाएगी. इसका मतलब ये है कि फिनलैंड ने ऑफिशियली ये क्लियर कर दिया कि वो अब नाटो की मेंबरशिप के लिए तैयार है, लेकिन ये प्रकिया अभी आगे चलेगी क्योंकि अब मामला फिनलैंड की संसद में जाएगा. इसी के बाद फिनलैंड नाटो के लिए अप्लाई करेगा, लेकिन सवाल है कि क्या फिनलैंड को ऐसा करने के लिए किसी ने उकसाया?
ये सवाल इसलिए भी उठते हैं क्योंकि फिनलैंड और रूस पड़ोसी मुल्क है. फिनलैंड और रूस के बीच 1340 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर होता है और रूस कई बार फिनलैंड को ये बात क्लियर कर चुका है कि अगर फिनलैंड नाटो की तरफ गया तो फिर रूस के पास पावर रिस्टोर करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होगा. ये तक कहा गया कि फिनलैंड के बॉर्डर पर न्यूक्लियर मिसाइलें, सबमरीन्स के साथ हाइपरसॉनिक मिसाइलें तक तैनात कर दी जाएगी. फिनलैंड को बर्बाद करने की धमकी तक दी गई, लेकिन इस सबके बावजूद फिनलैंड नाटो की उंगली पकड़ने को तैयार है. हालांकि फिनलैंड का तर्क ये है कि रूस ने जिस तरह यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला किया, उसके बाद माहौल बदला है. एक बार फिर दूसरे वर्ल्ड वॉर की यादें ताजा हो गई है.
1939 में सोवियत संघ की सेना ने फिनलैंड पर बोला था हमला
साल 1939 में सोवियत संघ की सेना ने फिनलैंड पर हमला बोला था. तीन महीने तक फिनलैंड और USSR के बीच युद्ध चला. फिनलैंड की सेना को काफी नुकसान हुआ. फिनलैंड ने USSR को रोक दिया, मगर 10 परसेंट इलाका खो दिया. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 24 फरवरी के बाद जिस तरह के हालात बने हैं, वो एक बार फिर 83 साल पहले हुए जंग की याद दिला रहे हैं. डर इस बात का है कि क्या रूस अपने एक और पड़ोसी फिनलैंड पर भी अटैक करेगा. इसी डर ने फिनलैंड को नाटो के करीब ला दिया और जो देश करीब 83 साल से न्यूट्रल था, उसके करीब 80 फीसदी लोग फिनलैंड के नाटो ज्वाइन करने के पक्ष में आ चुके हैं.
फिनलैंड ने फैसला कर लिया है कि वो नाटो की मेंबरशिप लेने के लिए आगे बढ़ेगा और पश्चिमी देशों ने उसके इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया है. लेकिन उसके इस फैसले से वॉर जोन का टेंपरेचर और भी हाई हो गया है. पुतिन ने यूक्रेन के जिस फैसले को रोकने के लिए उस देश पर अटैक कर दिया, वो ही अब रूस के अन्य पड़ोसी देशों में होने जा रहा है. अब सवाल ये उठता है कि पुतिन आगे क्या कर सकते हैं. इसको लेकर पश्चिमी देशों में तीन थ्योरीज चल रही हैं. पहली थ्योरी ये कि अभी रूस की सेना यूक्रेन से चल रहे वॉर में फंसी हुई है, इसलिए इस बात की उम्मीद कम है कि रूस अपनी फोर्स को फिनलैंड के डायरेक्शन में मूव करेगा.
रूस और फिनलैंड के बीच है करीब 1300 किलोमीटर लंबा बॉर्डर
रूस और फिनलैंड के बीच करीब 1300 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है और माना जा रहा है कि पुतिन यहां पर अपनी फोर्स भले ही डेप्लॉय ना कर सकते हों, लेकिन एयर और नेवल पेट्रोलिंग बढ़ा सकते हैं. पुतिन की सेना की ये पेट्रोलिंग एग्रेसिव भी हो सकती है ताकि नाटो में शामिल होने में शामिल होने की कोशिश कर रहे फिनलैंड को वो डरा-धमका सके, उसे इस फैसले के बाद फ्यूचर का ट्रेलर दिखा सके. दूसरी आशंका ये है कि रूस Hybrid warfare शुरू कर सकता है. साइबर अटैक कर सकता है और cyber espionage कर सकता है, जो पिछले कुछ समय से जारी है. पिछले कुछ समय से रूस की सेना यूरोपीय देशों पर साइबर अटैक कर रही है, जिसका अब मेन टारगेट बदल सकता है. यूरोप के बाकी देशों को छोड़कर फिनलैंड और स्वीडन पर अटैक तेज कर सकता है.
तीसरी थ्योरी ये है कि पुतिन लंबा गेम खेलने में माहिर हैं और वो फिनलैंड के नाटो सदस्य बनने के फैसले को पलटने की कोशिश करें. इसके लिए ऑनलाइन फेक अकाउंट से रूस फिनलैंड की पब्लिक का मूड बदलने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन पुतिन की टेंशन इतनी ही नहीं है, उन्हें एक और तारीख डरा रही है और वो तारीख है 16 मई. 16 मई को फिनलैंड की तरह स्वीडन भी नाटो में शामिल होने का ऐलान कर सकता है और इसी के साथ एक और नया वॉर फ्रंट खुल सकता है.
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