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जहां नागरिकों ने शरण ले रखी थी। हालांकि, इस हमले में वास्तविक मौत की संख्या 600 के करीब हो सकती है।
रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच कई महीनों से जंग जारी है। इस बीच रूस ने शुक्रवार को मारियुपोल पर कब्जा करने का दावा किया है। जो युद्ध में उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत हो सकती है। लगभग तीन महीने की घेराबंदी के बाद रूस ने रणनीतिक बंदरगाह शहर के अधिकांश हिस्से को बर्बाद कर दिया। रूस के हमलों में 20,000 से अधिक नागरिकों के मारे जाने की आशंका है।
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मारियुपोल में अज़ोवस्टल स्टील प्लांट की पूर्ण मुक्ति की सूचना दी है। हालांकि, यूक्रेन की ओर से अभी तक रूस द्वारा किए गए दावे की कोई पुष्टि नहीं की गई है। रूस की राज्य समाचार एजेंसी आरआइए नोवोस्ती ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि कुल 2,439 यूक्रेनी लड़ाके जो स्टीलवर्क्स में छिपे हुए थे। उन्होंने सोमवार से आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसमें शुक्रवार को 500 से अधिक लड़ाके शामिल थे। जानकारी के अनुसार, जैसे ही यूक्रेनी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया। इसके तुरंत बाद सैनिकों को रूसियों द्वारा बंदी बना लिया गया और उन्हें एक पूर्व आपराधिक कालोनी में स्थानांतरित कर दिया गया था। अन्य को अस्पताल ले जाने की बात कही गई।
दरअसल, स्टील मिल की रक्षा का नेतृत्व यूक्रेन की आजोव रेजिमेंट ने किया था। रूस ने कहा कि आजोव कमांडर को एक बख्तरबंद वाहन में प्लांट से ले जाया गया। रूसी अधिकारियों ने युद्ध अपराधों के लिए स्टील प्लांट में छिपे कुछ लड़ाकों को ''नाजी'' तथा अपराधी बताते हुए उन पर युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चलाने की धमकी दी है। मारियुपोल का पूर्ण अधिग्रहण 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद पुतिन के लिए एक बड़ी जीत है। सैन्य विश्लेषकों ने कहा कि इस बिंदु पर मारियुपोल का कब्जा ज्यादातर प्रतीकात्मक महत्व का है, क्योंकि शहर पहले से ही प्रभावी रूप से मास्को के नियंत्रण में था और अधिकांश रूसी सेनाएं जो वहां लड़ाई से बंधी थीं, पहले ही निकल चुकी थीं।
वहीं, यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि रूसी बलों ने एक महत्वपूर्ण राजमार्ग पर बमबारी की और लुहान्स्क क्षेत्र के एक प्रमुख शहर पर हमले जारी रखे, जिससे अन्य स्थानों के साथ एक स्कूल भी प्रभावित हुआ है। क्रेमलिन ने रूस और क्रीमियन प्रायद्वीप के बीच एक भूमि गलियारे को पूरा करने के लिए मारियुपोल पर नियंत्रण की मांग की थी, जिसे उसने 2014 में यूक्रेन से जब्त कर लिया था और डोनबास के लिए बड़ी लड़ाई में शामिल होने के लिए सैनिकों को मुक्त कर दिया था।
बता दें कि मारियुपोल ने युद्ध की कुछ सबसे बुरी पीड़ाओं को सहन किया और दुनिया भर में उसे लेकर आवाज भी उठी। एक अनुमान के मुताबिक, 100,000 लोग 450,000 की युद्ध पूर्व आबादी से बाहर रहे, जिनमें से कई बिना भोजन, पानी, गर्मी या बिजली के फंसे हुए थे। भारी बमबारी के कारण मारियुपोल पूरी तरह से बर्बाद हो गया। इनमें 9 मार्च को एक घातक रूसी हवाई हमले के बाद गर्भवती महिलाओं को निकाले जाने की चिंताजनक तस्वीरें सामने आई। इसके अलावा एक हफ्ते बाद, एक थिएटर की बमबारी में लगभग 300 लोग मारे गए थे, जहां नागरिकों ने शरण ले रखी थी। हालांकि, इस हमले में वास्तविक मौत की संख्या 600 के करीब हो सकती है।
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