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यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने बदल दिया अपना मिलिट्री कमांडर

Subhi
9 Oct 2022 1:14 AM GMT
यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने बदल दिया अपना मिलिट्री कमांडर
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यूक्रेन के साथ युद्ध में लगातार लग रहे झटकों के बीच अब रूस ने अपना मिलिट्री कमांडर बदल डाला है. रूस (Russia) ने यूक्रेन पर निर्णायक विजय हासिल करने की हुंकार के साथ जनरल Sergey Surovikin (55) को नया मिलिट्री कमांडर नियुक्त किया है.

यूक्रेन के साथ युद्ध में लगातार लग रहे झटकों के बीच अब रूस ने अपना मिलिट्री कमांडर बदल डाला है. रूस (Russia) ने यूक्रेन पर निर्णायक विजय हासिल करने की हुंकार के साथ जनरल Sergey Surovikin (55) को नया मिलिट्री कमांडर नियुक्त किया है. वे यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चला रहीं जॉइंट ग्रुपिंग फोर्सेज के कमांडर होंगे. साथ ही तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के साथ अपने मिशन को अंजाम देंगे.

साइबेरिया के रहने वाले हैं नए जनरल

सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक General Sergey Surovikin मूल रूप से रूस (Russia) के पूर्वी राज्य साइबेरिया के रहने वाले हैं. उन्हें ताजिकिस्तान में वर्ष 1990 में हुए संघर्ष और चेचन्या युद्ध लड़ने का अनुभव है. वे वर्ष 2015 में सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में चलाए रूस के मिलिट्री ऑपरेश के भी प्रमुख रहे हैं. फिलहाल वे दक्षिण यूक्रेन में रूसी सेनाओं को लीड कर रहे थे. लेकिन अब उन्हें पूरे अभियान का प्रमुख बना दिया गया है.

इन जनरल को किया गया ट्रांसफर

उनकी जगह किन कमांडर को हटाया गया है, इस बारे में रशियन मीडिया ने कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन माना जा रहा है कि Sergey Surovikin को General Alexander Dvornikov की जगह पर तैनात किया गया है. Dvornikov ने भी दूसरे चेचेन वार और सीरिया युद्ध में भाग लिया था. इनके नेतृत्व में चल रही जंग में रूसी फौज को शुरुआत में कामयाबी मिली थी लेकिन बाद में यूक्रेनी सेना के काउंटर अटैक से रूसी सेना का पांव उखड़ने लगे.

यूक्रेनी सेना तेजी से बना रही है बढ़त

यूक्रेन से जंग के बीच कमांडर बदले जाने की यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब रूसी सेनाएं एक-एक करके अपने जीते गए इलाकों को यूक्रेनी सेना के हाथों गंवा रहे हैं. उसने सितंबर के शुरूआती हफ्ते में रूसी बॉर्डर से सटे यूक्रेनी शहर खारकीव पर कब्जा गंवा दिया. साथ ही दक्षिण यूक्रेन के खेरसोन और लाइमैन इलाका भी रूसी सेना के हाथों से निकल गया. इसके चलते रूस के मिलिट्री और एलीट क्लास तबके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी सेना के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है.


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