विश्व
रूस ने लिसिचांस्क शहर पर किया कब्जा, 2000 यूक्रेनी सैनिकों को भी घेरा
Renuka Sahu
25 Jun 2022 12:51 AM GMT
x
फाइल फोटो
रूसी फौजों ने पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर लिसिचांस्क पर शुक्रवार को कब्जा कर लिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी फौजों ने पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर लिसिचांस्क पर शुक्रवार को कब्जा कर लिया। यूक्रेन ने यह जानकारी दी है। उधर, मॉस्को ने भी यही दावा किया है, लेकिन कहा कि क्षेत्र में उसने 80 विदेशी लड़ाकों समेत करीब 2000 यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है।
यूक्रेन के कब्जे वाले आखिरी इलाके लुहांस्क को रूस ने लिसिचांस्क पर कब्जे के बाद तीन तरफ से घेर लिया है। क्षेत्रीय प्रशासन के प्रवक्ता ने इस खबर पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। हिरस्के और अन्य इलाके पहले ही आक्रमणकारी फौजों के कब्जे में आ चुके हैं। क्षेत्रीय प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि पूरा हिरस्के क्षेत्र रूस के कब्जे में है।
घेराबंदी से बचने के लिए शहर छोड़ेगी यूक्रेनी सेना
हफ्तों की भीषण लड़ाई के बाद, यूक्रेनी सेना देश के पूर्व में रूसी सैनिकों से घिरे एक शहर से पीछे हट जाएगी। एक क्षेत्रीय गवर्नर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। लुहांस्क क्षेत्र के प्रशासनिक केंद्र सेवेरोदोनेस्क शहर को लगातार रूसी बमबारी का सामना करना पड़ रहा है। यहां यूक्रेनी सैनिकों ने एक रासायनिक संयंत्र में डेरा लाला हुआ है।
गवर्नर सेरही हैदई ने कहा, यहां रूसी सेना ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है और हमें अपने लोगों को लौटाना होगा। यहां खराब किलेबंदी वाले क्षेत्रों में हताहतों की संख्या हर दिन बढ़ेगी। इसलिए यूक्रेनी बलों को पीछे हटकर नई जगहों पर एकत्र होने और वहां से लड़ाई जारी रखने का आदेश मिला है।
यूक्रेन को 45 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देगा अमेरिका
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने मौजूदा रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन की हथियार जरूरतें पूरी करने के लिए 45 करोड़ डॉलर तक की निकासी को अधिकृत किया है। पेंटागन के कार्यवाहक प्रेस सचिव टॉड ब्रेसेले ने कहा, अमेरिका ने यूक्रेन को सुरक्षा सहायता में लगभग 6.8 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।
यूक्रेन को मिला ईयू के उम्मीदवार का दर्जा
रूस-यूक्रेन युद्ध के 121वें दिन चार माह बीत जाने के बाद यूक्रेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) की सदस्यता हासिल करने का एक पड़ाव पार कर लिया है। ईयू ने यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्ज दे दिया है, जिसके बाद वह यूरोपीय सदस्यता हासिल करने का प्रत्याशी बन गया है। यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उर्सुला डेर लेयेन ने इसे ऐतिहासिक बताया जबकि यह रूस से तनाव बढ़ाएगा।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने पुष्टि की कि ईयू नेताओं ने यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्ज देने का फैसला किया है। यह ईयू सदस्यता हासिल करने का पहला कदम है। 24 फरवरी को रूस से छिड़ी जंग के बाद ही यूक्रेन ने ईयू सदस्यता के लिए आवेदन किया था।
हालांकि यूक्रेन को सदस्य बनने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन उम्मीदवार का दर्जा मिलने से पहले से ही चल रही जंग और खतरनाक हो सकती है। दरअसल, रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन ईयू सदस्य बने। यूक्रेन के इस कदम को रूस अपनी आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। ईयू सदस्यता से यूक्रेन को यूरोप का खुला बाजार व सैन्य सहयोग मिल जाएगा।
दो पड़ाव और पार करने होंगे
यूक्रेन को ईयू के उम्मीदवार का दर्जा मिलने के बाद सदस्यता हासिल करने के लिए अभी दो और पड़ाव पार करने होंगे। पहले पड़ाव में उसे नेगोसिएशन फेस से गुजरना होगा। इसमें यूक्रेन को ईयू की सारी शर्तें मानते हुए नियम-कायदों के पालन का वादा करना होगा। दूसरे पड़ाव में यह मामला यूरोपीय परिषद के पास जाएगा जहां सभी 27 देशों की मंजूरी जरूरी होगी। यदि एक भी सदस्य उसके खिलाफ गया तो यूक्रेन को ईयू सदस्यता नहीं मिल सकेगी।
रूसी सेना का मालवाहक विमान दुर्घटनाग्रस्त, चार की मौत
रूसी सेना का एक मालवाहक विमान आईएल-76 शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिमी रियाजान क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में चालक दल के कम से कम चार सदस्यों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विमान के इंजन में कुछ गड़बड़ी आ गई थी जिससे चालक दल को 'क्रैश लैंडिंग' के लिए मजबूर होना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि घायलों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार इंजन वाले आईएल-76 को 1970 के दशक में डिजाइन किया गया था और इसने सोवियत और रूसी वायु सेना के लिए मुख्य मालवाहक विमान के रूप में काम किया है। यह दुनिया भर के कई देशों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
Next Story