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यूक्रेन | यूक्रेन से युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा फैसला लेकर दुनिया को फिर चौंका दिया। रूस की सरकारी मीडिया ने सरकार के हवाले से कहा कि उसने काला सागर अनाज सौदा रद्द कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाला यह समझौता कई वर्षों से चल रहा था। इससे दुनिया के कई गरीब देशों को अनाज मिलता था। लेकिन, अब रूस के इस कदम से दुनिया के कई देशों को खाद्य संकट गहराने का डर सता रहा है। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि इस फैसले के कुछ घंटे भर पहले यूक्रेन ने ड्रोन अटैक से क्रीमिया में रूस का एक पुल उड़ा दिया था। इस घटना में दो लोग मारे गए थे। रूस ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले वर्षों पुराने समझौते में भागीदारी पर रोक लगा दी, जो यूक्रेन को काला सागर के माध्यम से अनाज निर्यात करने की अनुमति देता था। रूस के इस कदम से गरीब देशों में चिंता पैदा हो गई है कि अब कीमतें बढ़ने से भोजन उनकी पहुंच से बाहर हो जाएगा।
रूस का काला सागर अनाज सौदा रद्द करने से कुछ घंटे पहले क्रीमिया में एक घटना हुई। एक विस्फोट में क्रीमिया से रूस को जोड़ने वाला एक पुल ध्वस्त हो गया था। मॉस्को ने इस हमले के पीछे यूक्रेनी समुद्री ड्रोन को जिम्मेदार ठहराया है। इस विस्फोट में दो लोग मारे गए थे। मॉस्को ने कहा कि यह सड़क पुल पर एक आतंकवादी हमला था, जो यूक्रेन में लड़ रहे रूसी सैनिकों के लिए रसद और हथियार पहुंचाने का प्रमुख स्रोत था।
क्रेमलिन ने कहा कि हमले और अनाज सौदे को निलंबित करने के उसके फैसले के बीच कोई संबंध नहीं है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, "दुर्भाग्य से, रूस काला सागर समझौते को अब आगे नहीं बढ़ा पाएगा। इसका प्रभाव समाप्त हो गया है।" हालांकि रूस ने कहा है कि अगर उसे अपनी मांगों पर "ठोस परिणाम" मिलते हैं तो वह अनाज समझौते में फिर से शामिल होने पर विचार करेगा, लेकिन इस बीच नेविगेशन की सुरक्षा के लिए इसकी गारंटी रद्द कर दी जाएगी। उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रूस के कदम की निंदा की और कहा कि रूस की वापसी का मतलब है कि रूस के अनाज और उर्वरक निर्यात को सहायता देने वाला संबंधित समझौता भी समाप्त हो गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "रूसी संघ के आज के फैसले से हर जगह जरूरतमंद लोगों को झटका लगेगा।"
यूक्रेन और रूस अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से हैं। दोनों में से किसी भी देश के काला सागर अनाज सौदा रद्द करने से दुनिया भर में खाद्य कीमतें बढ़ सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति (आईआरसी) के लिए पूर्वी अफ्रीका में आपातकालीन निदेशक शाश्वत सराफ ने कहा कि इसका प्रभाव सोमालिया, इथियोपिया और केन्या पर ज्यादा होगा। ये देश दशकों में हॉर्न ऑफ अफ्रीका के सबसे खराब सूखे का सामना कर रहे हैं। सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में वर्षों से बारिश न होने और हिंसा से विस्थापित हुए लोगों के भीड़ शिविर में रहने को मजबूर हैं। इन्हीं शिविर में रह रही पांच बच्चों की मां हलीमा हुसैन ने कहा, "मुझे नहीं पता कि अब हम कैसे जीवित रहेंगे।"
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस की भागीदारी के बिना अनाज निर्यात फिर से शुरू करने की संभावना जताई, सुझाव दिया कि कीव पिछले साल लगाए गए रूसी वास्तविक नाकाबंदी को प्रभावी ढंग से नकारने के लिए तुर्की का समर्थन मांगेगा। ज़ेलेंस्की ने वीडियो संदेश में कहा, "यूक्रेन, संयुक्त राष्ट्र और तुर्की मिलकर एक खाद्य गलियारे का संचालन और पोत निरीक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, "दुनिया के पास यह दिखाने का अवसर है कि ब्लैकमेलर की अब की जगह नहीं है… हम सभी को रूसी पागलपन से सुरक्षा के मद्देनजर यह सुनिश्चित करना चाहिए ।"
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Harrison
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