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रूस को यूक्रेन से तनाव के बीच अमेरिका और NATO के साथ सुरक्षा वार्ता का इंतजार, जानें पूरा मामला
Renuka Sahu
23 Dec 2021 4:49 AM GMT
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फाइल फोटो
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद गहराता जा रहा है. यहां तक कि युद्ध की स्थिति बनी हुई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच विवाद गहराता जा रहा है. यहां तक कि युद्ध की स्थिति बनी हुई है. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की वजह से पश्चिमी देशों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. इस बीच रूस ने उम्मीद जताई है कि सुरक्षा मांगों को लेकर जल्द ही अमेरिका के साथ बातचीत शुरू हो जाएगी. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Foreign Minister Sergei Lavrov) ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जनवरी में रूस की सुरक्षा मांगों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत शुरू हो जाएगी. यूक्रेन के साथ संघर्ष को लेकर कई देशों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.
रूस को सुरक्षा वार्ता का इंतजार
रूस ने नाटो (NATO) और अमेरिका को संबोधित करते हुए पिछले हफ्ते दो दस्तावेजों में व्यापक सुरक्षा मांगों के साथ मसौदा प्रस्तुत किया था और जनवरी में अमेरिका और नाटो के साथ सुरक्षा वार्ता की उम्मीद जताई. रूस का मानना है हम उन तरीकों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे जो हम उचित मानते हैं. पिछले हफ्ते रूस ने अमेरिका और नाटो के सामने अपनी मांगों को प्रस्तुत करते हुए कहा था कि संगठन को नए सदस्यों को स्वीकार नहीं करना चाहिए. उन्हें पूर्व-सोवियत देशों में सैन्य ठिकाना स्थापित नहीं करना चाहिए. बुधवार को यूरोपीय संघ (European Union) ने अमेरिका और नाटो से अपने हितों की रक्षा करने की अपील करते हुए कहा था कि आज यूरोप की सुरक्षा खतरे में है.
रूस पर यूक्रेन में हमले की साजिश का आरोप
पश्चिमी देशों ने रूस पर यूक्रेन पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है लेकिन रूस इन दावों से इनकार करता रहा है और बदले में अमेरिका और नाटो से अपनी सुरक्षा पर कानूनी गारंटी की मांग करता है. संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने मंगलवार को कहा था कि अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता के साथ आगे बढ़ता है तो इसके लिए उसे बड़े पैमाने पर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव
पश्चिमी देशों की खुफिया संस्थाओं का आरोप है कि यूक्रेन की सीमा पर टैंकों और तोपों के साथ रूस के काफी संख्या में सैनिक तैनात हैं. अमेरिका और उसके NATO सहयोगी पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यूक्रेन पर रूस के किसी भी हमले के गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं. विदेश मामलों के जानकार कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस का ये दबाव की रणनीति के तहत कर रहा है ताकि यूक्रेन को पश्चिमी देशों के सुरक्षा संगठन नाटो (NATO) में कोई स्थान न मिल सके.
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