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यूक्रेन बॉर्डर पर रूस का अटैक, अमेरिकी सैनिक 'हाई अलर्ट' पर

jantaserishta.com
25 Jan 2022 2:41 AM GMT
यूक्रेन बॉर्डर पर रूस का अटैक, अमेरिकी सैनिक हाई अलर्ट पर
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वॉशिंगटन. रूस-यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका (US) ने 8500 सैनिकों को 'हाई अलर्ट' पर रखा है. इस बात की जानकारी पेंटागन (Pentagon) ने सोमवार को दी है. रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के सीमावर्ती इलाकों में लगातार सैन्य क्षमता में इजाफा होने की खबरें आ रही हैं. NATO और अमेरिका, यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण के लिए तैयार हो रहा है. हालांकि, पेंटागन ने यह भी साफ किया है कि फिलहाल सैनिकों की तैनाती को लेकर फैसला नहीं लिया गया है.

अमेरिका रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि इन 8500 सैनिकों में ब्रिगेड कॉम्बैट टीमें, दल, चिकित्सा कर्मियों, विमानन सहायता, खुफिया, निगरानी शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'तैनाती को लेकर आदेश जारी नहीं किए गए हैं और कोई मिशन भी तय नहीं किए गए हैं.' प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका NATO के पूर्वी हिस्से को मजबूत करने के लिए अमेरिकी सैनिकों की यूरोपीय थियेटर में भेजने के विकल्प से इनकार नहीं कर रहा है.
किर्बी ने आगे कहा कि यूक्रेन तनाव के बीच यूरोप में अतिरिक्त अमेरिकी बलों की संभावित तैनाती NATO के फैसला पर निर्भर करती है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क, स्पेन, फ्रांस और नीदरलैंड समेत कुछ NATO सदस्य क्षेत्र में रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूर्वी यूरोप में लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजने पर विचार कर रहे हैं. यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कूटनीतिक प्रयास और वार्ता बढ़ाने का आह्वान किया था.
अमेरिका औऱ उसके सहयोगियों ने रूस पर साझा सीमा पर सैन्य क्षमता बढ़ाने और आक्रमण की तैयारी करने के आरोप लगाए थे. इसके बाद बीते कई महीनों से यूक्रेन तनाव बढ़ता नजर आ रहा है. हालांकि, मास्को ने इन आरोपों से इनकार किया था. साथ ही रूसी सीमाओं के पास NATO की सैन्य गतिविधियों का जिक्र किया था, जिन्हें वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है.
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ वीडियो कॉल किया. क्योंकि पश्चिमी ताकतें रूसी आक्रमण के खिलाप साझा रणनीतिक का लक्ष्य रखती हैं. इस वीडियो कॉल में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रॉ, जर्मनी की चांसल ओलाफ शोल्ज, इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डुडा और नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉटनबर्ग शामिल थे.

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