विश्व
रूस और चीन ने फिर साफ की दुनिया में अपनी अलग धुरी बनाने की मंशा
Kajal Dubey
18 Jun 2022 1:15 PM GMT
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रूस और चीन ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि वे दुनिया में एक अलग धुरी बनाने के अपने इरादे को साकार करने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। इस बार मौका सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम का था, जिसे रूस अपने 'दावोस' (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) की तरह आयोजित करता रहा है। शुक्रवार को पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फिर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेंट पीटर्सबर्ग फोरम को संबोधित किया। पुतिन ने दो टूक एलान किया कि 'एक ध्रुवीय विश्व' का अंत हो चुका है।
पुतिन ने अमेरिका पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा- 'जब शीत युद्ध में जीत हुई, तो अमेरिका ने खुद को धरती पर ईश्वर का प्रतिनिधि घोषित कर दिया। उसने खुद को ऐसे देश के रूप में पेश किया, जिसकी कोई जिम्मेदारी नहीं, सिर्फ जिसके स्वार्थ हैं। उसने अपने स्वार्थ को पवित्र घोषित कर दिया। यह वन-वे ट्रैफिक था, जिससे दुनिया अस्थिर हो गई।'
कार्यक्रम से पहले हैक हुए कंप्यूटर
पुतिन का भाषण शुरू होने में 90 मिनट की देरी हुई। इसकी वजह इस कार्यक्रम से जुड़े कंप्यूटर नेटवर्क का साइबर हमले का शिकार हो जाना रहा। तुरंत यह तो मालूम नहीं हो सका कि ये हमला किसने किया था, लेकिन शक यूक्रेन की आईटी आर्मी की तरफ गया। आईटी आर्मी हैकरों का एक समूह है। उसने पहले ही ये एलान कर रखा था कि वह सेंट पीटर्सबर्ग फोरम को अपना निशाना बनाएगी।
अपने भाषण में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को निशाना बनाते हुए पुतिन ने कहा- 'ये लोग अतीत में और अपने भ्रमों के साथ जी रहे हैं। उन्हें लगता है कि वे जीत गए हैं और सारी दुनिया उनका उपनिवेश, उनका आंगन है और इन जगहों पर रहने वाले लोग दूसरे दर्जे के नागरिक हैं।' पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में रूस की विशेष सैनिक कार्रवाई पश्चिमी सत्ताधारियों के लिए एक बहाना बन गई है, जिससे वे अपनी तमाम समस्याओं का दोष रूस पर डाल रहे हैं।
फोरम को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बहुपक्षीय सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध विच्छेद, सप्लाई रुकावट ,और एकतरफा प्रतिबंध लगाने के चलन को सिरे से अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए। बाद में चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक टिप्पणी में कहा कि शी का भाषण चीन और रूस के बीच मजबूत हो रहे आर्थिक सहयोग का एक प्रमाण है।
अमेरिका की वजह से ग्लोबलाइजेशन की प्रक्रिया क्षतिग्रस्त
ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि रूस-यूक्रेन संकट के दौरान अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इन एकतरफा प्रतिबंधों से दुनिया को शीत युद्ध की तरफ धकेला गया है। साथ ही विश्व अर्थव्यवस्था में विभाजन हुआ है, जिससे ग्लोबलाइजेशन की प्रक्रिया क्षतिग्रस्त हो गई है।
विश्लेषकों ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन पर जितने आरोप लगे हैं, रूसी राष्ट्रपति ने सेंट पीटर्सबर्ग फोरम में आकर उनके जवाब दिए। उन्होंने खंडन किया कि दुनिया में पैदा हुए खाद्य संकट के लिए रूस दोषी है। उलटे उन्होंने इसका दोष अमेरिकी प्रशासन और यूरोपियन नौकरशाही पर डाला। साथ ही दावा किया कि रूस की सुरक्षा संबंधी उचित चिंताओं का ख्याल ना कर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में सैनिक कार्रवाई करने के लिए उन्हें मजबूर किया।
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