यूक्रेन मसले पर गुरुवार को मास्को में रूस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री मिले। इस दौरान बातचीत में यूक्रेन सीमा से रूसी सैन्य जमावड़े को हटाने के मसले पर दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बीच तड़का-भड़की हो गई। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने जहां यूक्रेन पर हमला करने पर रूस को बड़े दुष्परिणाम भुगतने और भारी कीमत चुकाने जैसी चेतावनी दी, तो जवाब में उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों का लेक्चर (मनमाना प्रलाप) न सुनने और धमकी स्वीकार न करने की बात कही।
लावरोव ने कहा, मसले के वैचारिक और नैतिक बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केवल धमकियां दी जा रही हैं। विदित हो कि रूस और ब्रिटेन के संबंध अच्छे नहीं हैं और चार साल से ज्यादा समय बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह मुलाकात हुई थी। मुलाकात में ट्रस ने जहां औपचारिकताओं को दरकिनार करते हुए भावहीन चेहरे के साथ अपने रूसी समकक्ष से बात की, तो लावरोव ने भी कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें जवाब दिए। वार्ता में ट्रस ने रूसी सैनिकों को यूक्रेन सीमा से हटाकर वापस बैरकों में भेजने के लिए कहा, तो लावरोव ने इसे अनुचित बताते हुए पूर्वी यूरोप में ब्रिटिश और नाटो सैनिकों की तैनात होने की बात कही।
लावरोव ने कहा, रूसी सेना अगर रूस के किसी हिस्से में तैनात है, तो इसे लेकर किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम इस मसले में किसी की धमकी सुनना नहीं चाहते। वास्तव में देखा जाना चाहिए कि कौन खतरे का सामना कर रहा है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा, पश्चिमी राजनीतिक नेता अपनी घरेलू राजनीति के चलते यूक्रेन मसले को उछाल रहे हैं और तनाव बढ़ा रहे हैं। वे इसीलिए रूस को सेना हटाने के लिए धमकी दे रहे हैं और दबाव डाल रहे हैं। ऐसा करके वे अपने देश में संदेश देना चाहते हैं कि उन्होंने रूस को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। यह उनका गर्म हवा को बेचने जैसा प्रयास है।
बेलारूस पहुंचे 30 हजार रूसी सैनिकों का वहां पर युद्धाभ्यास जारी है। यूक्रेन सीमा के नजदीक हो रहा यह युद्धाभ्यास इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि वहां से यूक्रेन की राजधानी कीव की दूरी महज 75 किलोमीटर है। रूस ने हाल के दिनों में बेलारूस में परमाणु हथियार से हमले में सक्षम बमवर्षकों, एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य घातक हथियारों की तैनाती भी की है।
रूसी हमले के खतरे का सामना कर रहे यूक्रेन को गुरुवार को 80 मीट्रिक टन वजनी सैन्य सहायता प्राप्त हुई। ये हथियार दो विमानों के जरिये यूक्रेन को प्राप्त हुए हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सिल रेजिनकोव ने कहा है कि इससे हमारे चेहरे पर हल्की मुस्कराहट आई है। सूत्रों के अनुसार अमेरिका की यूक्रेन को 45 विमान सैन्य सामग्री उपलब्ध कराने की योजना है। इनमें से दस विमान अभी तक यूक्रेन पहुंच चुके हैं। इनके अतिरिक्त ब्रिटेन और लिथुआनिया ने भी यूक्रेन को सैन्य सामग्री भेजी है।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में गुरुवार को एक बार फिर रूस, यूक्रेन, फ्रांस और जर्मनी के उच्च अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें यूक्रेन सीमा पर से तनाव दूर करने पर चर्चा हुई। इससे पहले 26 जनवरी को भी चारों देशों के अधिकारियों की बैठक हुई थी। उसमें हुई सकारात्मक चर्चा के बाद ही भविष्य में फिर से मिलने पर सहमति बनी थी। सूत्रों के अनुसार यूरोपीय यूनियन रूस और यूक्रेन में टकराव नहीं चाहती, इसलिए वह तनाव खत्म कराने के प्रयास में सक्रिय है।