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फ्रांस के राजदूत को लेकर बवाल, नेता की गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद-लाहौर समेत कई शहरों में हाइवे ब्लॉक

Neha Dani
13 April 2021 11:32 AM GMT
फ्रांस के राजदूत को लेकर बवाल, नेता की गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद-लाहौर समेत कई शहरों में हाइवे ब्लॉक
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हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले.

पाकिस्तान (Pakistan) में एक चरमपंथी इस्लामी राजनीतिक दल के नेता साद रिजवी (Saad Rizvi) की गिरफ्तारी के बाद देश के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. गिरफ्तारी से एक दिन पहले तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के नेता रिजवी ने सरकार को धमकी दी थी. इसने कहा था कि अगर पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत (France Envoy) को देश से नहीं निकाला गया, तो इसके विरोध में प्रदर्शन किए जाएंगे. TLP का ईशनिंदा के मामले में प्रदर्शन करने का इतिहास रहा है.

रिजवी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार शाम कराची, लाहौर, राजधानी इस्लामाबाद के बाहरी इलाकों और पाकिस्तान के अन्य शहरों में प्रदर्शन हुए. इसके बाद पुलिस को कई प्रमुख राजमार्गों को बंद करना पड़ा. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर समेत कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प देखने को मिली. TLP ने बताया कि रिजवी को सोमवार को लाहौर से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि उसे किस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
इमैनुएल मैक्रों के बयान पर भड़का TLP
नवंबर में TLP ने इस्लामाबाद के कई प्रमुख राजमार्गों पर प्रदर्शन किया और रास्तों को बंद कर दिया. दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी चरमपंथी के हाथों मारे गए टीचर सैमुएल पैटी का समर्थन किया था. पैटी ने अभिव्यक्ति की आजादी की क्लास लेते हुए बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था. जिस पर एक कट्टरपंथी भड़क उठा और उसने पैटी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी. दूसरी ओर, मैक्रों के पैटी को समर्थन देने पर TLP भड़क उठा और उसने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान को इस्लामोफोबिक बताया.
20 अप्रैल से पहले देश से फ्रांसीसी राजदूत को हटाने की मांग की
लाहौर पुलिस के प्रमुख गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि रिजवी को कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है. रिजवी ने कहा कि सरकार ने प्रतिबद्धता जताई थी कि फ्रांस में पैगंबर के चित्र प्रकाशित करने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत को 20 अप्रैल से पहले देश के बाहर निकाल दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि उसने केवल इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी. डोगर ने गिरफ्तारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. रिजवी के समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया और पार्टी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
TLP फ्रांस के सामान के बहिष्कार की मांग की
रिजवी के पिता खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) पार्टी का नेता बन गया था. रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं. पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले.


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