विश्व

7 महीने बाद फिर रॉकेट से हमला, इजराइल ने दिया जवाब

Neha Dani
19 April 2022 1:53 AM GMT
7 महीने बाद फिर रॉकेट से हमला, इजराइल ने दिया जवाब
x
मस्जिद से बाहर निकालने की कोशिश तो दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया, जो जल्द ही हिंसा में बदल गया.

इजराइल और फिलीस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है. इजराइली सैन्य प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि गाजा पट्टी से इजरायली क्षेत्र पर एक रॉकेट दागा गया था. जिसे आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने जवाबी कार्रवाई करके रोक दिया.

7 महीने बाद फिर रॉकेट से हमला
रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही इजराइल (Israel) पर रॉकेट से हमला हुआ, तुरंत देश के सीमावर्ती इलाकों में सायरन बजने लगे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पिछले 7 महीनों में गाजा से पहली बार रॉकेट दागा गया है.
इजराइल (Israel) पर रॉकेट से हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब इजराइलियों और फिलीस्तीन (Palestine) में अल अक्सा मस्जिद को लेकर विवाद भड़क उठा है. दरअसल इजरायली पुलिस ने रमजान के मुस्लिम पवित्र महीने में पूर्वी यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में छापा मारा. इस पर वहां मौजूद सैकड़ों फिलीस्तीन इजराइली पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में कम से कम 200 फिलिस्तीनी घायल हो गए.
विभिन्न हमलों में 10 इजराइलियों की मौत


इस विवाद के बीच पिछले कुछ हफ्तों में गोलीबारी, छुरा घोंपने और कार से टकराने के हमलों में 10 से ज्यादा इजराइली मारे जा चुके हैं. इनमें से कुछ हमले इजरायल में रहने वाले अरब नागरिकों ने किए थे.
जॉर्डन ने जताया इजराइल से विरोध
इसी बीच जॉर्डन (Jordan) के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को राजधानी अम्मान में इजरायली दूतावास के प्रभारी को तलब कर अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर हुई कार्रवाई का विरोध किया. जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हैथम अबू अल-फौल ने पवित्र मुस्लिम स्थलों में किसी भी तरह की रुकावट को हटाने और बिना किसी प्रतिबंध के लोगों को इबादत का अधिकार देने की मांग की.
अरब मुल्कों के साथ बैठक करेगा जॉर्डन
जॉर्डन (Jordan) के अधिकारी ने कहा कि इजरायल (Israel) के दूतावास प्रभारी को यह विरोध संदेश तुरंत अपनी सरकार तक पहुंचाने के लिए कहा गया. इसके साथ ही अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) की यथास्थिति को बदलने वाले सभी कदमों को तुरंत रोक देने की मांग भी उठाई गई. जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने सोमवार को घोषणा की कि अल-अक्सा मस्जिद में इजरायल की कार्रवाइयों पर चर्चा करने के लिए उनका देश अरब मुल्कों के साथ बैठक करेगा.
तीनों धर्म अल अक्सा को मानते हैं पवित्र
बताते चलें कि अल अक्सा मस्जिद को यहूदी, मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोग अपने-अपने लिए पवित्र मानते हैं. इस बार यहूदियों और मुस्लिमों के त्योहार एक साथ आ गए हैं, जिसके चलते मस्जिद में इबादत को लेकर दोनों पक्ष भिड़े हुए हैं. इजराइली पुलिस बलों ने जब फिलीस्तीनी मुस्लिमों को अल अक्सा मस्जिद से बाहर निकालने की कोशिश तो दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया, जो जल्द ही हिंसा में बदल गया.


Next Story