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मिडिल ईस्ट में 40 साल तक युद्ध को कवर करने वाले जांबाज पत्रकार 'रॉबर्ट फिस्क' का निधन

Neha Dani
3 Nov 2020 2:43 AM GMT
मिडिल ईस्ट में 40 साल तक युद्ध को कवर करने वाले जांबाज पत्रकार रॉबर्ट  फिस्क का निधन
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दुनिया का कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का तीन बार इंटरव्यू करने वाले और मिडिल ईस्ट में 40 साल तक युद्ध |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| दुनिया का कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) का तीन बार इंटरव्यू करने वाले और मिडिल ईस्ट में 40 साल तक युद्ध को कवर करने वाले जांबाज पत्रकार रॉबर्ट (Journalist Robert Fisk) फिस्क का निधन हो गया है. अरबी भाषा बोलने वाले रॉबर्ट फिस्क पश्चिमी जगत के उन गिनती के पत्रकारों में से रहे हैं, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू किया. फिस्क 12 वर्षों से ज्यादा समय तक अंग्रेज़ी अख़बार द इंडिपेंडेंट के लिए मिडिल ईस्ट के रिपोर्टर रहे हैं. फिस्क को मिडिल ईस्ट की कवरेज के कारण कई ब्रिटिश और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्हें 7 बार ब्रिटेन का वार्षिक अंतरराष्ट्रिय पत्रकार पुरस्कार मिला है. विभिन्न युद्धों व सैन्य टकराहटों पर उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं.

74 वर्ष की उम्र में हुई हार्ट स्ट्रोक के चलते हुई मौत

वयोवृद्ध रॉबर्ट फिस्क की आयु 74 वर्ष थी. उनका निधन स्ट्रोक से हुआ है. आयरिश टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को अपने घर पर बीमार पड़ने के बाद उन्हें डबलिन के सेंट विन्सेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फ़िस्क का जन्म 1946 में केंट के माइडस्टोन में हुआ था और बाद में उन्होंने आयरलैंड की नागरिकता ले ली. आयरलैंड की राजधानी डबलिन के बाहर डल्की में उनका एक घर भी था.

आयरलैंड के राष्ट्रपति ने जताया दुःख

आयरलैंड के राष्ट्रपति ने रविवार को रॉबर्ट फिस्क जैसे महान संवाददाता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने फ़िस्क के निधन को पत्रकारिता की दुनिया के लिए एक क्षति बताते हुए ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि उनके गुजरने के बाद पत्रकारिता की दुनिया से और मध्य पूर्व पर कमेंट्री करने वाला एक बेहतरीन कमेंटेटर खो गया है.


युद्ध कवर करने के लिए उन्हें मिली विशेष ख्याति

अमेरिका, इजरायल और पश्चिमी विदेश नीति की अपनी तीखी आलोचना के लिए भी वे विवादों में बने रहे. पांच दशक तक ब्रिटिश अखबारों के लिए उन्होंने उन्होंने बाल्कन, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के युद्धों को कवर किया. उनकी प्रमुख किताबों में दी पॉइंट ऑफ़ नो रिटर्न : (The Point of No Return: The Strike Which Broke the British in Ulster), पिटी दी नेशन :लेबनान एट वॉर (Pity the Nation: Lebanon at War); और 'दी ग्रेट वॉर फॉर सिविलाइज़ेशन=दी कनक्वेस्ट ऑफ़ दी मीडिल ईस्ट ( The Great War for Civilisation – The Conquest of the Middle East) हैं.

रूपर्ट मर्डोक के साथ विवाद हुआ तो टाइम्स से दे दिया इस्तीफा

संडे एक्सप्रेस में अपने करियर की शुरूआत करने के बाद विस्क 1972 में टाइम्स के लिए उत्तरी आयरलैंड के संवाददाता के रूप में संघर्षों को कवर करने के लिए बेलफास्ट चले गए. वर्ष 1976 में वे अखबार के मिडिल ईस्ट से जुड़े मामलों के संवाददाता बन गए. लेबनान की राजधानी बेरूत से उन्होंने देश के गृह युद्ध के साथ-साथ 1979 के ईरानी क्रांति, अफगानिस्तान-सोवियत युद्ध और ईरान-इराक युद्ध की रिपोर्टिंग की. उन्होंने अखबार के मालिक रूपर्ट मर्डोक के साथ हुए विवाद के बाद 1989 में टाइम्स से इस्तीफा दे दिया और इंडिपेंडेंट में चले गए जहाँ उन्होंने अपने करियर का बाकी समय गुजारा.


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