काठमांडू । पड़ोसी देश नेपाल में आंदोलनकारी ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों ने दो पुलिस वाहनों को आग लगा दी और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया क्योंकि वे यातायात पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। काठमांडू घाटी का सार्वजनिक परिवहन दोपहर से ही चरमरा गया था क्योंकि परिवहन उद्यमियों ने न्यू बसपार्क क्षेत्र के आसपास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। परिवहन कर्मियों ने राजधानी काठमांडू के आसपास रिंग रोड के खंड को जाम कर दिया था।
पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे लेकिन स्थिति को नियंत्रण में नहीं ला पाई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई तो बवाल और तेज हो गया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस की दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। एक वाहन बालाजू के पुलिस उपाधीक्षक का था, जबकि दूसरी गाड़ी पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक पेट्रोलिंग वैन थी। आंदोलनकारियों ने क्षेत्र में एक अस्थायी पुलिस आश्रय भी जला डाला। उन्होंने अस्थायी यातायात पुलिस चौकियों में भी आग लगा दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किया था, लेकिन दोनों तरफ के घायलों की संख्या अभी पता नहीं चल पाई है।
आंदोलनकारियों की अगुवाई कर रहे नेताओं ने तर्क दिया कि वे नए यातायात नियम सार्वजनिक परिवहन के हित में नहीं हैं। नए नियमों के अनुसार, घाटी में यातायात पुलिस यातायात नियम के उल्लंघन के लिए एनआर 1500 का जुर्माना वसूल रही है, जो पहली बार अपराध के लिए एनआर 500 से अधिक है। परिवहन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की यह भी शिकायत है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क के किनारे वाहनों को पार्क करने के लिए भी जुर्माना वसूल रही है, जिसकी भी रकम काफी है।
आंदोलनकारी परिवहन संचालकों ने मांग की है कि संगठित बस स्टेशनों के अभाव में उन्हें कहीं भी गाड़ी खड़ी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनका धरना-प्रदर्शन नए ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है। परिवहन संचालकों ने मंगलवार से काठमांडू घाटी के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ठप करने की योजना की भी घोषणा की है। द इंडिपेंडेंट ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एसोसिएशन ऑफ़ नेपाल, ऑल नेपाल ट्रांसपोर्ट एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन और नेपाल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि वे विरोध की खातिर काठमांडू घाटी में वाहनों का संचालन नहीं करेंगे।
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