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वाशिंगटन | भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने कहा कि अपने रणनीतिक विरोधियों चीन और रूस से निपटने के लिए भारत के साथ अमेरिका के संबंध ''महत्वपूर्ण'' हैं।खन्ना ने भारत से लौटने के बाद एक रेडियो वार्ता के प्रस्तोता ह्यूज हेविट से यह बात कही। उन्होंने भारत यात्रा में कांग्रेस के द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
उन्होंने कहा, ''चीन और रूस स्पष्ट रूप से अभी दो रणनीतिक चुनौती, विरोधी हैं। इनसे निपटने के लिए भारत के साथ संबंध काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि चीन और रूस हमेशा आगे नहीं बढ़ेंगे और वहां अवसर हैं लेकिन कुल मिलाकर हमें इस पर नजर रखनी चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं।''
अमेरिकी सांसद ने कहा कि अमेरिका को यह उम्मीद नहीं रखनी चाहिए कि चीन के साथ संघर्ष के दौरान भारत मलक्का जलसंधि अवरुद्ध कर देगा लेकिन वह बीजिंग के ताइवान पर हमला करने पर दो मोर्चों पर युद्ध शुरू करने के लिए लद्दाख तथा अरुणाचल प्रदेश में अपनी सीमाओं पर आक्रामक रुख अपना सकता है।मलक्का जलसंधि, अंडमान सागर (हिंद महासागर) और दक्षिण चीन सागर (प्रशांत महासागर) को जोड़ने वाला जल मार्ग है।कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष खन्ना ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के मंगलवार को दिए उस बयान पर सहमति नहीं जतायी कि वह चाहेंगे कि चीन द्वारा ताइवान पर आक्रमण करने की स्थिति में भारत मलक्का जलसंधि अवरुद्ध कर दे।
खन्ना ने कहा, ''यह समझना कि हमारे भारतीय साझेदार क्या करना चाहते हैं और क्या नहीं करना चाहते हैं तथा कहां हम असल में चीन को रोक सकते हैं, यह सुसंगत विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है।''
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में नयी दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में भारत द्वारा रूस से हथियारों की खरीद पर भी चर्चा की थी।
खन्ना ने कहा कि जयशंकर ने बताया कि रूसी हथियारों पर भारत की निर्भरता 1965 के बाद शुरू हुई जब अमेरिका ने भारत को हथियार बेचना बंद कर दिया।
उन्होंने कहा, ''लगभग 40 साल का इतिहास है। अब हम रक्षा साझेदारी बना रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा, आप रातोंरात परिवर्तन की उम्मीद नहीं कर सकते। वे बदलाव चाहते हैं। वे जानते हैं कि हमारा सामान बेहतर है और हमें उस पर काम करने की जरूरत है।''
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Harrison
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