ब्रिटेन में कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिक एक जोखिम भरा परीक्षण करने की तैयारी कर रहे हैं। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के मुताबिक, चैलेंज स्टडी के तहत 18 से 30 वर्ष के 90 स्वस्थ लोगों को वायरस से संक्रमित किया जाएगा।
सह-शोधार्थी प्रो. पीटर ओपनशॉ का कहना है कि इस तरह के अध्ययन किसी रोग के बारे में बहुत अधिक सूचनात्मक होते हैं। परीक्षण को लेकर नियामक संस्थाओं और एथिक्स कमेटी की मंजूरी मिलती है तो अगले साल जनवरी में परीक्षण हुआ और मई 2021 में परिणाम आ जाएगा। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के विशेषज्ञों को इसके लिए 3.36 करोड़ का बजट जारी होगा। ब्रिटेन पहला देश होगा जहां विमेन चैलेंज ट्रायल को अंजाम दिया जाएगा।
पहले चरण में कम स्तर पर संक्रमण
वैज्ञानिकों के अनुसार, पहले चरण में लोगों को वायरस से कम स्तर पर संक्रमित किया जाएगा। इसके बाद वैज्ञानिक ये पता करेंगे कि कैसे वैक्सीन इस स्तर पर शरीर में काम करेगी। इसके अलावा इम्यून सिस्टम और इलाज पर इसका क्या असर हुआ। परीक्षण में शामिल सभी लोग डॉक्टर और वैक्सीन के जानकारों की निगरानी में रहेंगे, जो कई मापदंडों के आधार पर नजर रखेंगे।