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ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक गतिरोध में बड़ा ट्विस्ट आ गया है. प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने मात्र 45 दिनों में ही पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. वह अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर अपनी ही पार्टी में निशाने पर थीं. अब कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य यानी टोरी मेंबर्स ने भी उनका साथ छोड़ दिया, जबकि 6 हफ्तों पहले उन्होंने ही बोरिस जॉनसन की जगह लिज ट्रस को चुना था.
अब लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन फिर उसी दोराहे पर खड़ा है, उसके सामने वही सवाल है कि अगला पीएम कौन होगा? फिलहाल भारतीय मूल के ऋषि सुनक फिर ब्रिटेन पीएम बनने की रेस में आ गए हैं. लिज ट्रस का इस्तीफा भले सुनक के लिए गोल्डन चांस जैसा हो, लेकिन उनके लिए राह इतनी भी आसान नहीं है क्योंकि उनके साथ-साथ कंजर्वेटिव पार्टी के कई और चेहरे भी इस रेस में हैं, जिनके बारे में हम आपको बताएंगे.
ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, इस रेस में कई चेहरे हैं. पहला नाम पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन (boris johnson) का ही है. दूसरा नाम भारतीय मूल के ऋषि सुनक (rishi sunak) का है. इसके अलावा पेनी मोर्डौंट (Penny Mordaunt) भी रेस में रहेंगी. वह लिज ट्रस के चुने जाने के वक्त पीएम की रेस में तीसरे नंबर पर रही थीं.
इन लोगों के अलावा रेस में रक्षा मंत्री बेन वालेस (Ben Wallace), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव केमी बडेनोच (Kemi Badenoch), विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली (James Cleverly) और हाल ही में इस्तीफा देने वाली सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) शामिल हैं.
इस लिस्ट में वित्त मंत्री जेरेमी हंट का भी नाम था. लेकिन लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद उन्होंने साफ कर दिया है कि वह अब पीएम बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश नहीं करेंगी. इसके अलावा टॉम तुगेन्दाटा (Tom Tugendhat) और माइकल गोव (Michael Gove) भी चुनाव नहीं लड़ने वाले.
अधिकतम तीन उम्मीदवार हो सकेंगे खड़े
ब्रिटिश पीएम की रेस में भले 7 नामों पर नजरें हैं. लेकिन तीन से ज्यादा उम्मीदवारों का खड़े होना मुश्किल है. दरअसल, ब्रिटिश संसद में कुल 357 टोरी सांसद (कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद) हैं. एक उम्मीदवार को बैलेट प्राप्त करने के लिए करीब 100 टोरी सांसदों का समर्थन चाहिए होगा. इस तरह से उम्मीदवारों की संख्या तीन से ज्यादा नहीं हो सकेगी.
इन बड़े चेहरों पर नजरें
ऋषि सुनक: ट्रस के इस्तीफे के बाद पूर्व चांसलर ऋषि सुनक के पास फिर से ब्रिटेन का पीएम बनने का मौका है. भारतीय मूल के सुनक जानी-मानी आईटी कंपनी इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. वह ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. ऋषि सुनक जब 2015 में जब पहली बार सांसद बने थे तब उन्होंने भगवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ली थी.
अगर ऋषि सुनक जीतते हैं तो वह यूके के पीएम बनने वाले भारतीय मूल के पहले शख्स होंगे, जो कि एतिहासिक पल होगा.
कुछ महीनों पहले जब बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी से किसी को पीएम चुना जाना था. तब उस रेस में ऋषि सुनक दूसरे नंबर पर रहे थे और लिज ट्रस पीएम बनी थीं. अब लिज ट्रस के हटने के बाद उनके पीएम बनने के चांस फिर से प्रबल हैं. सुनक के पास प्लस प्वाइंट यह है कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को अच्छे से हैंडल किया. लेकिन उनके सामने एक बड़ी चुनौती भी है. दरअसल, पार्टी के सदस्य मानते हैं कि उन्होंने ही बोरिस जॉनसन को धोखा दिया, जिसकी वजह से इस्तीफे और फिर अब दोबारा इस्तीफे की नौबत आई.
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