ब्रिटेन में लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम रेस में भारतीय मूल के ब्रिटिश और पूर्व चांसलर ऋषि सुनक ज्यादा समर्थन हासिल कर सकते हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद के नामांकन के लिए सुनक को 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत है. ऐसा कहा जा रहा है कि सुनक को 100 टोरी सांसदों का समर्थन मिल चुका है. दरअसल ये दावा टोरी के एक सांसद टोबियास एलवुड ने किया है.
पार्टी ने पद पर उम्मीदवारों के लिए 100 सांसदों के समर्थन की सीमा निर्धारित की है. पार्टी में कुल 357 सांसद हैं. टोरी नेतृत्व के लिए पेनी मॉरडॉन्ट ऐसी पहली नेता थी, जिन्होंने खुद को इस रेस के लिए उम्मीदवार बताया था. इस रेस में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल होते दिख रहे हैं. ओपिनियम के एक सर्वे के मुताबिक, ब्रिटेन के मतदाता अगले प्रधानमंत्री के तौर पर जॉनसन की बजाय सुनक और मॉरडॉन्ट को पसंद करेंगे. हालांकि जब पोल सुनक और जॉनसन के बीच हुआ, तो 44% वोटर्स ने सुनक को चुना और सिर्फ 31% ने बोरिस का चयन किया.
सुनक और मॉरडॉन्ट से पिछड़ सकते हैं जॉनसन
इसका मतलब इस लड़ाई में पूर्व पीएम जॉनसन, सुनक और मॉरडॉन्ट से पिछड़ सकते हैं. ब्रिटेन की जनता उन्हें वापस पीएम बनते नहीं देखना चाहती. पिछले महीने नेतृत्व के लिए हुए चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे सुनक ने ट्रस के लघु बजट से आर्थिक संकट आने का पूर्वानुमान लगाया था और उन्हें अब 10 डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) के लिए मुफीद माना जा रहा है.
सट्टेबाजी संस्था ऑडचेकर के मुताबिक, 42 वर्षीय सुनक 55 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे पसंदीदा ऑप्शन हैं. जबकि 29 प्रतिशत की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सत्ता में वापसी की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं तीसरे स्थान के लिए हाउस ऑफ कामन (संसद के निचले सदन) की नेता पेनी मोरडांट का नाम उभर रहा है जो पिछले नेतृत्व चुनाव में लिए संसदीय मतों के पहले चरण के चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थीं.
100 सांसदों का समर्थन जरूरी
विपक्ष द्वारा तत्काल मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की जा रही है. सत्तारूढ़ दल में ट्रस के उत्तराधिकारी के चुनाव को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. पार्टी को तय करना है कि पद संभालने के 44 दिनों के भीतर इस्तीफा देने वाली ट्रस का उत्तराधिकारी कौन होगा. कंजर्वेटिव पार्टी के नियमों के मुताबिक, प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए कम से कम 100 सांसदों का समर्थन होना चाहिए, जिसकी मियाद सोमवार को खत्म हो रही है