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ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच देर रात BCC टेलीविजन पर पहली बहस हुई, देखें वीडियो

Neha Dani
26 July 2022 5:14 AM GMT
ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच देर रात BCC टेलीविजन पर पहली बहस हुई, देखें वीडियो
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पड़ोसियों को धमकाने का प्रयास करके यूक्रेन पर पुतिन के फासीवादी आक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं।’

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार ऋषि सुनक और लिज ट्रस (Rishi Sunak vs Liz Truss Debate) के बीच सोमवार देर रात बीसीसी टेलीविजन पर पहली बहस हुई। भारतीय समयानुसार रात 1.30 मिनट पर पूर्व वित्त मंत्री सुनक और विदेश मंत्री लिज ट्रस आमने-सामने थीं। बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी बनने के लिए बचे दोनों ही उम्मीदवार ने एक-दूसरे पर कई तीखे हमले किए और अपनी बात भी जनता तक पहुंचाई।


दोनों ने एक दूसरे को इकॉनमी पर घेरा। सुनक ने ट्रस से कहा कि उनकी कर कटौती की योजना लाखों लोगों को दुख में मार डालेगी और अगले चुनाव में कंजर्वेटिव्स को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। दूसरी ओर ट्रस ने दावा किया कि सुनक की प्लानिंग से देश में मंदी आ जाएगी। विदेश सचिव और पूर्व चांसलर, जो तीन हफ्ते पहले तक एक ही कैबिनेट में थे। एक दूसरे से अच्छे संबंध रखते थे, आज स्टोक-ऑन-ट्रेंट के विक्टोरिया हॉल में मंच पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे थे।



चीन को बताया सबसे बड़ा दीर्घकालिक खतरा
इससे पहले ऋषि सुनक ने चीन को सबसे बड़ा दीर्घकालिक खतरा बताया था। वह सोमवार को सभी 30 कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद करके देश की सॉफ्ट पावर पर अंकुश लगाने की योजना का खुलासा करेंगे। ये संस्थान ब्रिटेन में चीनी भाषा के शिक्षण और संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। द गार्जियन के मुताबिक, वह विदेश सचिव और पश्चिमी नेताओं पर 'चीन की नापाक गतिविधियों और महत्वाकांक्षाओं के लिए आंखें मूंद लेने' का आरोप लगाते हुए कंजर्वेटिव नेतृत्व की दौड़ में शामिल अपने प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस का सामना करेंगे और एक नए नाटो-गठबंधन की स्थापना का आह्वान करेंगे।

टोरी नेतृत्व की दौड़ में राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास में, सुनक के सोमवार को यह कहने की उम्मीद है कि चीन 'ब्रिटेन और दुनिया की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा दीर्घकालिक खतरा है।' वहीं, पूर्व चांसलर ने कहा, ''वे हमारी तकनीक की चोरी कर रहे हैं और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहे हैं। और विदेशों में, वे अपना तेल खरीदकर और ताइवान सहित अपने पड़ोसियों को धमकाने का प्रयास करके यूक्रेन पर पुतिन के फासीवादी आक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं।'

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