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इससे पहले भी कई कर्मचारियों ने लॉरेंट को लेकर भेदभाव और उत्पीड़न करने की कहानियां बताईं हैं.
लीग ऑफ लीजेंड्स' (League of Legends) और 'वेलोरेंट' जैसे लोकप्रिय वीडियो गेम देने वाले 'रॉयट गेम्स' (Riot Games) ने अपने सीईओ निकोलस लॉरेंट (Nicolo Laurent) को एक महिला कर्मचारी का यौन उत्पीड़न करने के मामले में क्लीन चिट दे दी है. द वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, रॉयट गेम्स द्वारा कराई गई थर्ड पार्टी जांच में लॉरेंट के खिलाफ ना तो कोई सबूत मिला और ना ही कंपनी की ओर से उन पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई. वॉशिंगटन पोस्ट को मिले लॉरेंट के एक इंटरनल मेल में लिखा गया है कि यह महत्वपूर्ण है कि आप इस बारे में मुझसे सीधे यह सुन पा रहे हैं कि मुझ पर लगे उत्पीड़न, भेदभाव के आरोप सच नहीं हैं. ऐसा कुछ भी कभी भी न करीब से और ना दूर से हुआ है.
जनवरी में रॉयट की पूर्व कार्यकारी सहायक शेरोन ओडॉनेल ने मुकदमा दायर करके आरोप लगाया था कि लॉरेंट ने काम करने के माहौल को शत्रुतापूर्ण बनाया और ओडॉनेल से उसकी नौकरी के बदले में अवांछित सेक्सुअल रिलेशन बनाने के लिए कहा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा न करने के कारण सीईओ ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था. इन आरोपों के बाद रॉयट ने एक विशेष समिति द्वारा मामले की थर्ड पार्टी जांच कराई.
समिति ने कहा है, "इस प्रकृति के अधिकांश मामले सिर्फ काले या सफेद (सही या गलत) नहीं होते हैं, बल्कि वे अस्पष्ट होते हैं. हालांकि, यह उन मामलों में से एक नहीं था. इस मामले में हमें ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले जो लॉरेंट के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही ठहराएं. खबरों के मुताबिक लॉरेंट के खिलाफ किए गए ऐसे दावे नए नहीं हैं, इससे पहले भी कई कर्मचारियों ने लॉरेंट को लेकर भेदभाव और उत्पीड़न करने की कहानियां बताईं हैं.
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