जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन और चुनावी अभियानों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फैल रही गलत सूचनाओं पर चिंता जताते हुए देश के शोधकर्ताओं ने आवाज उठाई है। सदर्न कैलिफोर्निया (Southern California) के यूनिवर्सिटी में रिसर्चरों ने इस सप्ताह एक अध्ययन जारी किया। इसमें कहा गया है कि ट्विटर पर हजारों ऐसे अकाउंट हैं जो आगामी चुनाव को लेकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं।
अध्ययन की अध्यक्षता करने वाले लेखक एमिलियो फेर्रारा (Emilio Ferrara) यूएससी वाइटरबि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया, 'सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हो रही हेरफेर के जो हालात बन रहे हैं वह 2016 की तुलना में बेहतर नहीं हैं। जिस तरह से राजनीतिक साजिशें हो रही हैं हम इसे लेकर काफी चिंतित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि गलत जानकारियों के हेर-फेर व सोशल मीडिया पर जारी साजिशों के दौर से अमेरिकी चुनाव को लेकर खतरा मंडरा रहा है। USC न्यूज में प्रकाशित एक आलेख में कहा गया कि 240 मिलियन से अधिक चुनाव संबंधित ट्वीट को पर आधारित इस अध्ययन के अनुसार हजारों अकाउंटों में हेरफेर किया गया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन व उनके अभियानों को लेकर ट्वीट पोस्ट किए गए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया कंपनियों पर उनके प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे अमेरिका में प्रेस के दमन जैसे हालात बन रहे हैं। एरिजोन में अपने चुनावी रैली के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा,'मामले में एक गिरफ्तारी भी हुई है लेकिन मीडिया इससे बच रही है। इसे प्रेस की आजादी नहीं बल्कि प्रेस का दमन कह सकते हैं।'