नई दिल्ली। हाल के दिनों में चावल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने मिल रही है। भाव लगभग 12 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा कि एफएओ का कुल चावल प्राइस इंडेक्स जुलाई में एक महीने की तुलना में 2.8 फीसदी बढक़र औसतन 129.7 अंक हो गया। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है और सितंबर, 2011 के बाद से ये चावल का उच्चतम स्तर है।
चावल की बढ़ती कीमतों की कई वजहें हैं। इनमें से एक है चावल की मजबूत मांग। इसके अलावा भारत ने हाल ही में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। इस वजह से भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। भारत के निर्यात पर बैन लगाने के चलते ग्लोबल मार्केट में चावल की सप्लाई कम हो गई है। साथ ही एक बड़ी वजह कुछ चावल उत्पादक देशों में अनियमित मौसम की स्थिति के कारण भी पैदावार का कम होना भी है, जिसकी वजह से आपूर्ति में अधिक गिरावट आई है।