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अध्ययन में खुलास : कोरोना को तो दी मात, लेकिन दिमाग पर पड़ा असर

Subhi
22 Jun 2021 1:15 AM GMT
अध्ययन में खुलास : कोरोना को तो दी मात, लेकिन दिमाग पर पड़ा असर
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कोरोना से ठीक हुए लोगों में महीनों बाद भी बोल-चाल, देखने-सुनने, तर्क-वितर्क, सोच-समझ, बात-व्यवहार जैसी दिक्कतें आ रही है।

कोरोना से ठीक हुए लोगों में महीनों बाद भी बोल-चाल, देखने-सुनने, तर्क-वितर्क, सोच-समझ, बात-व्यवहार जैसी दिक्कतें आ रही है। इतना ही नहीं इन लोगों में समस्याओं के समाधान और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं पैदा हो गई हैं।

यह दावे यूरोपियन यूरोलॉजी अकादमी की सातवीं कांग्रेस में कॉग्निटिव (संज्ञानात्मक-मनन, स्मृति, तर्क और व्यवहार) डिसऑर्डर पर पेश चार अध्ययनों में किए गए हैं। इनमें कोरोना वायरस से दिमाग को हुई परेशानी व नुकसान का आकलन किया गया था।

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पहले अध्ययन अनुसार, लोगों को याद रखने, समस्याओं के समाधान और अपने आसपास के माहौल की जानकारी रखने में परेशानी आने लगी है। इटली में हुए इस अध्ययन में 50 फीसदी मरीजों के दिमाग के एमआरआई स्कैन और सोचने समझने की क्षमता की जांच अस्पताल से छूटने के दो महीने बाद की गई थी।

16 फीसदी लोगों को दिमाग से जुड़े कार्यों में दिक्कत, 6 फीसदी को चीजों को देखते समय उनकी दूरी व प्रकाश का अंदाजा लगाने में बाधा, 6 फीसदी की याददाश्त में कमी और 25 फीसदी में इन सभी लक्षणों की मौजूदगी है।

यह रिपोर्ट तैयार करने वाले इटली के साइंटिफिक इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर मासिमो फिलिपी के अनुसार, बीमारी से मुक्ति के कई महीने बाद ये दिक्कतें सामने आई हैं। चिंताजनक यह भी है कि कामकाजी उम्र के चार में से तीन लोगों में दिमागी नुकसान के लक्षण मिल रहे हैं। यानी समस्याएं युवाओं में ज्यादा विकट हैं।



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