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ईरान तालिबान के इस्लामिक अमीरात के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहता है।
अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के हवाले से सामने आई एक अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपने रणनीतिक फायदे के लिए अफगानिस्तान के गृह युद्ध का इस्तेमाल कर रहा है। साथ वह तालिबान शासन में अपनी पहुंच का इस्तेमाल अफगानिस्तान पर भारत के अच्छे प्रभाव को खत्म करने के लिए कर रहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने अफगानिस्तान पर रिपोर्ट पेश की
अमेरिकी विदेश विभाग के महानिदेशक ने अफगानिस्तान पर अपनी तिमाही रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान अपनी रणनीतिक साजिश के तहत भारत के प्रभाव को कम करने वाले फैसले ले रहा है। या फिर तालिबान शासन को ऐसे फैसले लेने के लिए उकसा रहा है। ताकि अफगानिस्तान पर भारत का अच्छा प्रभाव ना रहे और वह जगह पाकिस्तान को मिल जाए। इस साल एक अप्रैल से तीस जून तक की अवधि के लिए जारी हुई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को डर है कि अफगानिस्तान में गृह युद्ध होने की स्थिति में सुरक्षित पनाहगाह के लिए बहुत से शरणार्थी और पाकिस्तान विरोधी आतंकी उनके देश में घुस आएंगे।
पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में अफगान-तालिबान का लेनदेन काफी बढ़ा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में अफगान-तालिबान का लेनदेन काफी बढ़ गया है। इन इलाकों में पहले मेल-मिलाप केवल मस्जिदों तक सीमित था। लेकिन अब अफगान आतंकी खुलेआम पाकिस्तानी सीमा के नजदीक बाजार के क्षेत्रों में घूमते देखे जा सकते हैं। डीआइए के मुताबिक, ईरान फिलहाल भविष्य में किसी भी अफगान सरकार के साथ अपने संबंध करीबी रखना चाहेगा। हालांकि ईरान तालिबान के इस्लामिक अमीरात के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहता है।
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