एक ताजा शोध में पता चला है कि प्री-डायबिटीज से गुजर रहे लोगों को विटामिन डी सप्लीमेंट के सेवन से किडनी संबंधी सेहत लाभ नहीं मिलते हैं। यह अध्ययन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ सुनएच किम और उनके सहयोगियों ने किया, जिसके नतीजे अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित हुए।
शोधकर्ताओं ने प्री-डायबिटीज वाले लोगों में विटामिन डी दवाओं के किडनी की सेहत पर असर का परीक्षण करने के लिए विटामिन डी और टाइप 2 डायबिटीज का अध्ययन किया था। प्री-डायबिटीज में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जो किडनी रोगों का प्रमुख कारण भी है।
विटामिन डी न लेने वालों में यूरिन प्रोटीन कम
इस अध्ययन में शामिल 43 फीसदी लोग रोजाना विटामिन डी ले रहे थे। वहीं, जो लोग विटामिन डी दवाएं नहीं ले रहे थे, उनमें समय के साथ यूरिन प्रोटीन कम होने के संकेत मिले।
नहीं प्रभावी रहा विटामिन डी दवाओं का प्रयोग
अध्ययन में मोटापे और प्री-डायबिटीज वाले 2,423 वयस्कों को शामिल कर औसतन 2.9 साल तक रोजाना विटामिन डी3 या प्लेसिबो दिया गया। ट्रायल में विटामिन डी लेने वालेे 28 लोगों की किडनी की सेहत बिगड़ी, तो प्लेसिबो वाले समूह में 30 मामले मिले। नतीजों में विटामिन डी दवा का किडनी की कार्यप्रणाली पर लाभ नहीं दिखा।