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चीन में रमजान पर पाबंदी, इन मुश्किलों का सामना करते हैं लोग

Khushboo Dhruw
6 May 2021 4:01 PM GMT
चीन में रमजान पर पाबंदी, इन मुश्किलों का सामना करते हैं लोग
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मुस्लिम धर्म (Islam in China) के लोगों के लिए रमजान का महीना काफी पवित्र होता है

मुस्लिम धर्म (Islam in China) के लोगों के लिए रमजान का महीना काफी पवित्र होता है, जिसे वो पूरी निष्ठा के साथ मनाते हैं. लेकिन चीन में रहने वाले मुस्लिम लोगों को ऐसा करने की भी आजादी नहीं है. यानी त्योहार मनाने पर चीन ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. चीन के शिंजियांग प्रांत (Xinjiang) में रहने वाले तुर्सजान मामत कहते हैं कि रमजान पर उन्होंने रोजा रखा है लेकिन उनकी 8 और 10 साल की दोनों बेटियों ने नहीं. क्योंकि यहां नाबालिगों के लिए रोजा रखने सहित धार्मिक कार्य करने पर प्रतिबंध लगा है.

32 साल के मामक उइगर मुस्लिम हैं. वह कहते हैं कि चीन में कोई सुनने वाला नहीं है, यहां की कम्युनिस्ट पार्टी धर्म को भी नियमों में बांध चुकी है. वह कहते हैं कि उनके बच्चे अपने पवित्र रचनाकार के बारे में तो जानते हैं लेकिन वो उन्हें धर्म से जुड़ी जानकारी विस्तार से नहीं दे पाते (Ramzan in China). लेकिन 18 साल का होने के बाद बच्चे अपनी मर्जी से धार्मिक ज्ञान हासिल कर सकते हैं. यहां सरकार की पॉलिसी के कारण इस्लाम धर्म का भविष्य साफ दिखाई नहीं देता है.
मस्जिदों को ध्वस्त किया जा रहा
इसके साथ ही मस्जिदों को भी ध्वस्त किया जा रहा है. ये वो आरोप है जिसे बीजिंग हमेशा ही खारिज करता है. नमाज पढ़ने वालों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है. करीब एक दशक पहले कशगर के ऐतिहासिक सिल्क रोड पर स्थित ईद काह मस्जिद में 4 से 5 हजार लोग शुक्रवार की नमाज में शामिल होते थे (Mosques in China). मस्जिद के इमाम मामत जुमा कहते हैं कि अब ये संख्या केवल 800 से 900 रह गई है. उन्होंने इसके पीछे का कारण सरकारी नीतियों से ज्यादा लोगों के खुद के भीतर आए परिवर्तन को बताया है.
प्रोपेगैंडा चला रही सरकार
इमाम ने कहा कि युवा पीढ़ि अपना ज्यादातर समय नमाज से ज्यादा काम करने में बिताना चाहती है. चीन यहां एक तरह का प्रोपेगैंडा चला रहा है. अप्रैल में विदेशी पत्रकारों के आने पर भी चीनी सरकार ने पांच दिवसीय यात्रा का आयोजन किया. जिसमें अधिकारी इन पत्रकारों से मनमानी बात कहते रहे. चीन का कहना है कि वह लोगों को धर्म की आजादी देता है और लोग जैसे चाहें प्रार्थना कर सकते हैं. लेकिन ये सभी कानून के पालन के तहत होना चाहिए.
हर कोई नहीं रख सकता रोजा
प्रतिबंधों की बात करें तो एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का कहना है कि शिक्षा और धर्म दो अलग चीजें हैं, इसलिए वह रोजा नहीं रख सकते. तो वहीं कपास की फैक्ट्री में काम करने वाले एक कर्मी का कहना है कि वहां सभी के लिए नमाज पढ़ना प्रतिबंधित है (Muslims in China). लेकिन घर और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ी जा सकती है. कानून के अनुसार, चीन में इस्लाम, बौद्ध धर्म, ताओवाद, रोमन कैथोलिक धर्म या गैर-संप्रदायवादी प्रोटेस्टेंटवाद का पालन करने की अनुमति है. लेकिन वास्तव में इनपर कई तरह के प्रतिबंध भी लगे हैं.


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