विश्व

शोधकर्ताओं ने वर्चुअल रियलिटी आधारित एक एप का किया परीक्षण

Gulabi Jagat
16 July 2022 4:00 PM GMT
शोधकर्ताओं ने वर्चुअल रियलिटी आधारित एक एप का किया परीक्षण
x
शोधकर्ताओं
डुनेडिन, एएनआइ । विश्व में 12 में से एक व्यक्ति किसी न किसी सामान्य भय (कामन फोबिया) से पीडि़त होता है। जैसे किसी को उड़ान से डर लगता है तो किसी को सुई से। कोई ऊंचाई से डरता है तो कोई मकड़ी या कुत्ते से। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च स्थित यूनिवर्सिटी आफ ओटागो में हाल में किए गए एक परीक्षण में ऐसे लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण जगी है। इस अध्ययन के परिणाम आस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड जर्नल आफ साइकियाट्री में प्रकाशित हुए हैं।
डिपार्टमेंट आफ साइकोलाजिकल मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर कैमरन लेसी के नेतृत्व में ऐसे मरीजों पर परीक्षण किया गया, जिसमें हेडसेट और स्मार्टफोन एप ट्रीटमेंट प्रोग्राम का प्रयोग किया गया। इसमें वर्चुअल रियलिटी (वीआर) 360-डिग्री वीडियो एक्सपोजर थेरेपी और काग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (सीबीटी) का संयोजन किया गया।
प्रतिभागियों ने क्राइस्टचर्च टेक उद्यमी एडम हचिंसन द्वारा विकसित 'ओवीआरकमÓ नामक एक पूरी तरह से स्व-निर्देशित स्मार्टफोन एप डाउनलोड किया, जिसका उद्देश्य फोबिया और चिंता के रोगियों का इलाज करना है। इस एप को एक हेडसेट के साथ तैयार किया गया, ताकि प्रतिभागियों को उनके फोबिया से निकलने में मदद करने के लिए उन्हें वर्चुअल वातावरण मिल सके। शोधकर्ताओं ने परीक्षण के दौरान पाया कि इस तरीके से प्रतिभागियों के फोबिया के लक्षणों में छह सप्ताह में 75 प्रतिशत की कमी हुई।
कैमरन लेसी के मुताबिक, हमने पाया कि इस तरीका का प्रतिभागियों पर अच्छा प्रभाव पड़ा। यह बहुत आसानी से उपलब्ध कराई जा सकती है और इसमें लागत भी कम आती है। यह तरीका उन लोगों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है जो अपने फोबिया से उबरने के लिए किसी चिकित्सक आदि की सलाह नहीं ले पाते।
इस तरह से किया परीक्षण
शोधकर्ताओं ने इस परीक्षण में 18 से 64 वर्ष आयुवर्ग के 129 लोगों को इसमें शामिल किया, जिन्हें उड़ान, ऊंचाई, सुई, मकड़ी और कुत्तों से डर लगता था। शोधकर्ताओं ने पहले छह सप्ताह और फिर 12 सप्ताह इस तरीके का परीक्षण किया। कैमरन लेसी के मुताबिक, हमने पाया कि परीक्षण के दौरान इन प्रतिभागियों को पांचों तरह के फोबिया को कम करने में मदद मिली।
Next Story