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शोधकर्ताओं ने किया खुलासा, कोविड-19 नए वैरिएंट N440K मरीजों को फिर से कर सकते है संक्रमित

Khushboo Dhruw
28 Feb 2021 4:18 PM GMT
शोधकर्ताओं ने किया खुलासा, कोविड-19 नए वैरिएंट N440K मरीजों को फिर से कर सकते है संक्रमित
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देश में कोरोनावायरस का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है. लगातार कोविड-19 के मामलों में इजाफा हो रहा है

देश में कोरोनावायरस का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है. लगातार कोविड-19 के मामलों में इजाफा हो रहा है. इस बीच वायरस के नए वैरिएंट को लेकर बड़ी बात सामने आई है, जिसको लेकर कुरनूल मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं का कहना है कोरोनोवायरस का नया वैरिएंट N440K दोबारा संक्रमण का कारण बन सकता है. यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देकर निकल सकता है और कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों को दोबारा संक्रमित कर सकता है.

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने कुरनूल में एक मामले का अध्ययन किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 के रिइंफेक्शन का मामला नए वैरिएंट N440K के कारण सामने आया जोकि सबसे ज्यादा म्यूटेंट वायरस में से एक है. इससे पहले, हैदराबाद में सीसीएमबी और अपोलो अस्पतालों के शोधकर्ताओं ने शहर में कोरोना के रिइंफेक्शन के दो मामले दर्ज किए थे, लेकिन ये N440K से संबंधित नहीं थे.

कुरनूल मेडिकल कॉलेज, कुरनूल, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, दिल्ली और एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च, गाजियाबाद के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आंध्र प्रदेश में N440K का प्रसार 33 फीसदी से अधिक है.
कोविड-19 स्ट्रेन के करीब 200 मामले मिले हैं
इस समय महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना सहित अठारह राज्य महामारी की निगरानी और रोकथाम के लिए केंद्रीय एजेंसी की निगरानी में हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील के कोविड-19 स्ट्रेन के करीब 200 मामले मिले हैं. इस तरह के स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की तादाद देश में 194 तक पहुंच गई है. इनमें यूके संस्करण के 187 मामले, दक्षिण अफ्रीकी संस्करण के छह मामले शामिल हैं जबकि एक ब्राजीलियाई संक्रमण का मामला पाया गया है.

हमें अभी सतर्क रहने की जरूरतः आईसीएमआर के महानिदेशक
इस बीच, केंद्र ने देश में ब्राजील, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा कोरोना के दो नए स्ट्रेन- N440K और E484Q का पता लगाने की पुष्टि की है. ये वेरिएंट महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना के कुछ जिलों में पाए गए हैं. हालांकि, आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव स्पष्ट कर चुके हैं कि मामलों में वृद्धि के लिए म्यूटेशन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. दो वायरस स्ट्रेन का पता अन्य देशों के साथ-साथ देश के कुछ क्षेत्रों में भी लगाया गया है और यह केवल भारत के लिए विशिष्ट नहीं हैं. अब तक कोई सबूत नहीं मिला है कि देश में म्यूटेशन ने वायरस को फिर से फैलाने का काम किया है, हालांकि हमें अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है.


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