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पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी हासिल करना एक मुश्किल काम है
पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी हासिल करना एक मुश्किल काम है. बहुत ही कम गहराई तक इंसानों की पहुंच होने के कारण वैज्ञानिकों को उसकी आंतरिक संरचना (Internal Structure of Earth) के बारे में अप्रत्यक्ष पद्धतियों पर निर्भर रहना होता है और वे लगातार इस विषय पर अध्ययन भी करते रहते हैं. हाल ही में हुए अध्ययन ने पृथ्वी के क्रोड़ में कार्बन की मात्रा में बेहतर जानकारी दी है जिससे पता चला है कि हमारी पृथ्वी पर कार्बन का सबसे बड़ा भंडार (Carbon Reservoir) उसकी क्रोड़ (Earth Core) है.
कितना हिस्सा है कार्बन का बाहरी क्रोड़ में
फ्लोरीडा स्टेट यूनिवर्सिटी और राइस यूनिवर्सिटी का यह अध्ययन कम्यूनिक्शन्स अर्थ एंड एनवायर्नमेंट जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इसके मुताबिक पृथ्वी की बाहरी क्रोड़ का 0.3 से 2 प्रतिशत हिस्सा कार्बन से बना है. यह प्रतिशत के लिहाज से बहुत ही कम मात्रा लगती है, लेकिन मात्रा के लिहाज यह बहुत ही ज्यादा है.
बहुत अधिक मात्रा है कार्बन की
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में अनुमान लगाया है कि बाहरी क्रोड़ में 55 से 368 अरब खरब किलो का कार्बन है जो कि एक बहुत ही बड़ी मात्रा है. इस अध्ययन के सहलेखक मैनाक मुखर्जी जो जियोलॉजी के अर्थ, ओसीन एंड एटमॉस्फियरिक साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, बताते हैं कि पृथ्वी की क्रोड़ की संरचना को समझना ठोस पृथ्वी विज्ञान की प्रमुख समस्याओं में से एक है.
घनत्व का अंतर
मुखर्जी ने बताया, "हम जानते है कि पृथ्वी की क्रोड़ मुख्यतया लोहे की है, लेकिन लोहे का घनत्व क्रोड़ के घनत्व से अधिक है. इसका मतलब है कि क्रोड़ में हलके तत्व मौजूद है जो उसके घनत्व को कम कर रहे हैं. इसमें कार्बन प्रमुख रूप से भागीदार है और इस बारे में हम यह बेहतर तरीके से पता लगा रहे हैं कि यह कितना होगा."
पृथ्वी पर कार्बन की कितनी मात्रा
पिछले शोधों ने इस बात का अनुमान लगाया है कि पृथ्वी पर कार्बन की कुल मात्रा कितनी होगी. इस शोध ने उन अनुमानों को और ज्यादा बेहतर किया है और इसे 990 पार्ट पर मिलियन्स (PPM) से 6400 पीपीएम से भी ज्यादा के दायरे में है. इसका मतलब यह हुआ कि पृथ्वी की क्रोड़ में ग्रह का 93 से 95 प्रतिशत कार्बन है.
एक कम्प्यूटर मॉडल की वास्तविक स्थितियों से तुलना
इंसान पृथ्वी की क्रोड़ तक नहीं पहुंच सकता इसलिए शोधकर्ताओं ने सम्पीड़ित ध्वनितरंगों के ज्ञात वेगों की तुलना कम्प्यूटर मॉडल्स से की जिनमें पृथ्वी की क्रोड़ में लोहे, कार्बन और अन्य हलकी धातुओं की मात्रा उन्हीं दबाव और तापमान में थ जो पृथ्वी की क्रोड़ की हैं. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सुरज बजगेन ने बताया कि जब ध्वनि तरंगों के वेग उनके सिम्यूलेशन में अवलोकित वेग से मेल खाया तब उस सिम्यूलेशन की संचरना भी बाहरी क्रोड़ की संरचना से मेल खानी चाहिए थी.
बेहतर किए अनुमान
वैज्ञानिकों ने इससे पहले बहुत सारी कार्बन मात्राओं की रेंज से प्रयास किए थे. लेकिन इस शोध ने वह रेंज कम कर दी और साथ ही ऑक्सीजन, सल्फर सिलिकॉन, हाइड्रोडन और नाइट्रोजन की संभावनाओं को भी कम करते हुए बाहरी क्रोड़ की संरचना का पता लगाया. कार्बन भी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की तरह पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक तत्व है.
क्या है पृथ्वी का ऊर्जा बजट और कितना खतरनाक है इसका असंतुलन
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शोध कई मामलों में हमें बेहतर जानकारी देता है, जैसे पृथ्वी पर अधिकांश कार्बन कहां स्थित है, कैसे वह अलग भंडरों में से आता जाता है. इसके अलावा इससे हमें और गहरे सावलों जैसे पृथ्वी पर जीवन के लिए कार्बन कहां से आया और शुरुआत में कितनी मात्रा में कार्बन था और बाद में यह कम ज्यादा कैसे हुआ. इन सवालों के जवाब भी आगे के शोधों से मिल सकेंगे.
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