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वर्ष 2020 केे मार्च महीने में जिस कोरोना वायरस संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी कहा था
वर्ष 2020 केे मार्च महीने में जिस कोरोना वायरस संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी कहा था उसपर अब तक न जाने कितने ही रिसर्च और अध्ययन हो चुके हैं और कई जारी हैं। इस क्रम में एक नए अध्ययन से पता चला है कि दिल से जुड़ी मांसपेशी कोशिकाओं के संक्रमित होने से कोरोना मरीजों में हृदय संबंधी दिक्कतें पैदा होती हैं। इतना ही नहीं जब कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं तो मांसपेशियों के काम करने में दिक्कत होने लगती है। विज्ञानियों के मुताबिक इस शोध से कोरोना के इलाज के लिए नई दवाएं बनाने की राह खुल सकती है।
अमेरिका स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों के अनुसार हम सभी संक्रमण के चलते होने वाली दिल की दिक्कतों को जानते थे, लेकिन इस बात से अब तक अंजान थे कि क्या वायरस सीधे अंगों को संक्रमित करता है या फिर शरीर में किसी जगह सूजन के चलते ऐसा होता है। यह शोध 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ काíडयोलॉजी: बेसिक टू ट्रांसलेशनल साइंस' में प्रकाशित हुआ है। इसके तहत स्टेम सेल से कार्डिक टिश्यू बनाया गया और फिर देखा गया कि कैसे कोरोना वायरस दिल को संक्रमित करता है।
विज्ञानियों के मुताबिक संक्रमण ना केवल दिल से जुड़ी मांसपेशी कोशिकाओं को मारने का काम करता है बल्कि मांसपेशियों के संकुचन के लिए जरूरी मांसपेशी फाइबर यूनिट को नष्ट कर देता है। शोधकर्ताओं के अनुसार सूजन की अनुपस्थिति में भी मांसपेशी फाइबर यूनिट नष्ट हो सकती है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से ताल्लुक रखने वाले और शोध के वरिष्ठ लेखक कोरी लेवाइन ने कहा,'दिल संबंधी दिक्कतों के लिए सूजन प्राथमिक वजह नहीं है।' अध्ययन से जुड़े निष्कर्षो के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि दिल पर कोरोना वायरस का प्रभाव पड़ता है और सबसे ज्यादा इसका असर संक्रमण से लड़ने वाली इम्यून कोशिकाओं पर पड़ता है।
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