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जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नए प्रकार के कृत्रिम दृष्टि उपकरण का सफलतापूर्वक किया डिजाइन

Neha Dani
20 April 2022 11:20 AM GMT
जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नए प्रकार के कृत्रिम दृष्टि उपकरण का सफलतापूर्वक किया डिजाइन
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उस समय शोधकर्ताओं ने यह दावा किया था कि यह दुनिया की पहली बायोनिक आंख है।

दृष्टिहीनों के लिए लंबे समय से वैज्ञानिक इस कोशिश में हैं कि उन्हें किसी तरह इससे छुटकारा दिलाया जाए। इसी कड़ी में हाल ही में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार के कृत्रिम दृष्टि उपकरण का सफलतापूर्वक डिजाइन किया है। इसके माध्यम से वैज्ञानिक एक 'इलेक्ट्रिक आंख' बनाने की तौयारी में हैं जिसके माध्यम से दृष्टिहीन देख सकेंगे।

दरअसल, डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस उपकरण को डिजाइन किया है। हालांकि इस प्रोजेक्ट पर अभी वैज्ञानिक काम कर ही रहे हैं लेकिन ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह एक छोटी इलेक्ट्रिक आंख की तरह है, जो अंततः नेत्रहीन लोगों की मदद कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक वर्टिकल स्टैकिंग सिस्टम का उपयोग करके डिवाइस का निर्माण किया, जिसके माध्यम से सूक्ष्म स्तरों पर काम किया जा सके। इस टीम में काम कर रहे प्रोफेसर सिडोंग लेई के नेतृत्व में टीम का लक्ष्य एक माइक्रो-स्केल कैमरा बनाना है जो छोटे रोबोटों की आंखों के रूप में काम कर सकता है। इसी को ही मनुष्यों तक पहुंचने में सक्षम बनाना हैं।
पर इस तकनीक को उनके लिए अनुकूलित किया जा सकता है। यह भी बताया गया कि इस नए प्रकार के इमेज सेंसर के निर्माण के लिए मौलिक सिद्धांत का भी ध्यान रखा जाएगा। फिलहाल अभी इस प्रक्रिया के पहले चरण में मिली सफलता से टीम उत्साहित है और इसका आगे का काम शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बायोनिक आंख का आविष्कार किया था। यह आंख काफी गहन शोध के बाद विकसित की गई थी। करीब दो साल पहले इस बायोनिक आंख का परीक्षण हो चुका है, लंबे समय से इसे मनुष्य के दिमाग में लगाने की तैयारी चल रही है। उस समय शोधकर्ताओं ने यह दावा किया था कि यह दुनिया की पहली बायोनिक आंख है।


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