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रिसर्च में खुलासा- अपनी गैलेक्सी के वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं तारे

Gulabi
31 Aug 2021 3:14 PM GMT
रिसर्च में खुलासा- अपनी गैलेक्सी के वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं तारे
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गैलेक्सी के वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं तारे

जब भी प्रदूषण (Pollution) की बात होती है तो हमें हमारी पृथ्वी के जलवायु परिवर्तन का ख्याल आता है. अंतरिक्ष प्रदूषण के मामले में भी पृथ्वी से भेजे गए सैटेलाइट आदि से पृथ्वी की कक्षा में जमा हो रहे कचरे का जिक्र होता है. लेकिन क्या आपने कभी ब्रह्माण्ड (Cosmos) में प्रदूषण के बारे में सुना है. हाल ही में हुए एक शोध में शोधकर्ताओं ने इस बात का खुलासा किया है कि तारे कैसे प्रदूषक पदार्थ पैदा कर ब्रह्माण्ड को प्रदूषित करते हैं. उनका कहना है कि गैलेक्सी Galaxies) अपने ही वातावरण को प्रदूषित करती हैं जिनमें वे रहती हैं.

गैलेक्सी से अंदर बाहर जाते पदार्थ
ऑल स्काई एस्ट्रोफिजिक्स इन थ्री डाइमेंशन्स (ASTRO 3D) के ARC सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के एलेक्स कैमरून और डेने फिशर की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने हवाई की डब्ल्यू एम केक वेधशाला के नए इमेजिंग सिस्टम का उपयोग किया. उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि गैलेक्सी से जो पदार्थ अंदर जाता है वह बाहर आने वाले पदार्थ से कहीं ज्यादा साफ होता है.
गैस के बादलों का खेल

हाल ही में एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स एंड सुपरकम्प्यूटिंग में एसिस्टेंट प्रोफेसर डेने फिशर ने बताया कि बड़ी तादात में गैस के बादल गैलेक्सी के अंदर खींचे जाते हैं और उनका उपयोग तारों की निर्माण प्रक्रिया में होता है.
सुपरनोवा के जरिए
गैलेक्सी में आते समय यह हाइड्रोजन और हीलियम से बनी होती है. केक कॉस्मिक वेब इमेजर के जरिए शोधकर्ता इस बात की पुष्टि कर सके कि ताजा गैस से बनी तारे विशाल मात्रा में पदार्थ को वापस गैलेक्सी के बाहर भेज देते हैं, ऐसा मुख्यतया सुपरनोवा के जरिए होता है. लेकिन यह पदार्थ साफ और अच्छा नहीं होता है. इसें कई पदार्थ होते हैं जिनमें ऑक्सीजन कार्बन और लोहा शामिल होता है.
एक्रीशन की भूमिका
गैलेक्सी में परमाणुओं के बहाव को संचयन या एक्रीशन कहते हैं. इस पदार्थ के बाहर जाने की प्रक्रिया को आउटफ्लो कहते हैं. इसकी गैलेक्सी का आकार, भार और वृद्धि सुनिश्चित करने में अहम भूमिका होती है. अब तक अंदर और बाहर के बहाव की जानकारी नहीं थी. लेकिन इस शोध में पहली बार मिलकी वे के अलावा दूसरी गैलेक्सी में इन पदार्थों के चक्र की व्याख्या की गई है.
संचरना का पता
अपने अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने Mrk 1486 गैलेक्सी पर ध्यान केंद्रित किया जो हमारे सूर्य से 500 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है और उस समय वे वहां बहुत तेजी से तारों का निर्माण हो रहा था. डॉ एलेक्स कैमरून ने बताया कि उनकी टीम ने गैस के प्रवेश और निकास की प्रक्रिया की संरचनाका स्पष्ट रूप से पता लगाया.

कब निकलते हैं गैलेक्सी से बाहर पदार्थ
शोधकर्ताओं ने बताया कि तुलनात्मक रूप से गैस गैलेक्सी में बाहर में प्रदूषण रहित पदार्थ के रूप में आती है. इसके बाद यह तारों में संघनित हो जाती है. बाद में जब ये तारे विस्फोटित होते हैं, तब वे दूसरी गैसे को धकेलते हैं जिसमें बहुत सारे दूसरे पदार्थ भी होते हैं. इन गैसों में पीरियोडिक टेबल के आधे से ज्यादा तत्व होते हैं और तारों की गहराई में नाभकीय संलयन की प्रक्रिया का हिस्स बनते हैं. तारों के सिमटने पर या सुपरनोवा की घटना पर भी इनसे पदार्थ फैलते हैं जिससे नए तारे ग्रह और क्षुद्रग्रह बनते हैं.

Mrk 1486 अवलोकन के लिए सबसे अच्छी गैलेक्सी थी क्योंकि यह पृथ्वी के पास है जिसका मतलब यह है कि यहां से गैसों के बाहर निकलने की प्रकिया को आसानी से अवलोकित किया जा सकता है और उसकी संरचना को मापा जा सकता है. जबकि कई गैलेक्सी इस तरह के कोण में नहीं हैं. वहीं यह अध्ययन गैलेक्सी के बारे में और ज्यादा जानकारी जोड़ने वाला माना जा सकता है.
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