विश्व

ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के नए लक्षणों को लेकर रिसर्च में हुआ खुलासा, यूरोपीय देशों को WHO ने किया आगाह

Renuka Sahu
2 July 2022 2:20 AM GMT
Research reveals new symptoms of monkeypox in Britain, WHO warns European countries
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फाइल फोटो 

दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा रखा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा रखा है. हाल ही में की गई एक स्टडी के मुताबिक मंकीपॉक्स के नए लक्षण सामने आ रहे हैं, जो पुराने लक्षणों से काफी अलग हैं. ये बात शुक्रवार को ब्रिटेन के मामलों की जांच करने वाले शोधकर्ताओं ने कही. कुछ महीने पूर्व तक मंकीपॉक्स पश्चिम और मध्य अफ्रीका तक ही सीमित था लेकिन अभी दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहा है. मई के बाद से, दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 3,400 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इन नए संक्रमितों में से अधिकांश संक्रमित पश्चिमी यूरोप के हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. हालांकि उप-सहारा अफ्रीकी मामलों से कोई संबंध नहीं है. ब्रिटेन ने कुछ शुरुआती नए वैश्विक मामलों का पता लगाया और रोगियों पर पहला अध्ययन शुक्रवार को द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित हुआ.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने लंदन में 54 मंकीपॉक्स रोगियों का विश्लेषण किया. दो संक्रमितों को छोड़कर सभी इस बात से अनजान थे कि वे किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में थे, जिसे मंकीपॉक्सहुआ था. एक चौथाई पुरुष एचआईवी पॉजिटिव थे और एक चौथाई को यौन संचारित रोग था और साथ ही उन्हें मंकीपॉक्स था. सभी रोगियों को त्वचा के घाव थे, जिनमें से 94 प्रतिशत जननांग और गुदा क्षेत्रों में थे. अध्ययन में कहा गया है कि ये कारक बताते हैं कि वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क के दौरान फैलता है, जैसा कि सेक्स के दौरान होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकीपॉक्स के लिए पॉजिटिव टेस्टिंग के मामलों की जांच कर रहा है, लेकिन यह सुनिश्चित किया है कि वायरस यौन संचारित नहीं है और मुख्य रूप से निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है.
ब्रिटेन के केवल 57 प्रतिशत मंकीपॉक्स के मामलों में बुखार का सामना करना पड़ा. वहीं पिछले प्रकोपों ​​​​में भी अंगों, चेहरों और गर्दन पर कहीं अधिक घाव देखे गए थे. हालांकि, ब्रिटेन के तीन चौथाई मामलों में, घाव केवल एक या दो क्षेत्रों में थे, ज्यादातर जननांगों पर या उसके आसपास, अध्ययन में कहा गया है. अध्ययन में शामिल नहीं होने वाले ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यूके को अपनी मंकीपॉक्स की परिभाषा बदलने की जरूरत है क्योंकि यह वर्तमान में "बहुत व्यापक" है.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के यूरोप प्रमुख ने शुक्रवार को आगाह किया कि क्षेत्र में मंकीपॉक्स के मामले बीते दो हफ्तों में तीन गुना बढ़ गए हैं. साथ ही, उन्होंने देशों से अनुरोध किया कि वे इसे सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करें कि यह दुर्लभ बीमारी महाद्वीप में जड़ न जमा ले. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले हफ्ते फैसला किया था कि बीमारी के बढ़ने के बावजूद अभी इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित करने की जरूरत नहीं है. इस पर डॉ. हंस क्लूगे ने एक बयान में कहा कि इसके बावजूद ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है.
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