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शोध में खुलासा: मरे हुए एलियंस का घर हो सकती है आकाश गंगा...अपने ही तकनीक के शिकार हो गए परग्रही

Triveni
25 Dec 2020 11:22 AM GMT
शोध में खुलासा: मरे हुए एलियंस का घर हो सकती है आकाश गंगा...अपने ही तकनीक के शिकार हो गए परग्रही
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अनंत आकाश में एलियंस के मौजूदगी की अटकलें अक्‍सर लगती रहती हैं लेकिन अब एक नए शोध में पता चला है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वॉशिंगटन: अनंत आकाश में एलियंस के मौजूदगी की अटकलें अक्‍सर लगती रहती हैं लेकिन अब एक नए शोध में पता चला है कि हमारी आकाश गंगा मरे हुए एलियंस का घर हो सकती है। साथ ही इस बात की पुरजोर संभावना जताई गई है कि ये एलियंस अपने ही विज्ञान और तकनीक के शिकार हो गए और मारे गए। यह शोध ऐसे समय पर आया है जब शोधकर्ताओं ने स्‍मार्ट जीवों के अस्तित्‍व की गणना की।

शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारी आकाश गंगा के गठन के करीब 8 अरब साल बाद एलियंस पैदा हुए थे। चूंकि अभी तक इंसान एलियंस से संपर्क करने में असफल रहे हैं, शोधकर्ताओं ने अपने अध्‍ययन में कहा कि विज्ञान और तकनीक के विकास का परिणाम निस्‍संदेह सभ्‍यताओं का विनाश रहा। इस शोध में कहा गया है कि विज्ञान और तकनीक का विकास हमें विनाश और पतन की ओर ले जाता है।

वैज्ञानिकों को पहली बार मिले सौरमंडल के बाहर के ग्रह से रेडियो संकेत
इंसान का आत्‍मविनाश काफी हद तक संभव
इससे पहले आए अन्‍य शोधों में भी कहा गया है कि इंसान का आत्‍मविनाश विभिन्‍न परिस्थितियों में काफी हद तक संभव है। शोधकर्ताओं ने कहा कि स्‍मार्ट प्राणी खुद को खत्‍म कर सकते हैं, यह आश्‍चर्यजनक नहीं है कि कहीं पर स्‍मार्ट जीवन है ही नहीं या कुछ मात्रा में है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर ब्रह्मांड में कहीं एलियन हैं तो भी वे या तो इतने युवा हैं अभी कि हमें उन्‍हें देख नहीं पा रहे हैं या वे बहुत दूर हैं।'
हाल ही में वैज्ञानिकों के अंतरराष्ट्रीय दल ने पहली बार हमारे सौरमंडल के बाहर स्थित ग्रह से आ रहे रेडियो संकेतों का पता लगाया है। यह संकेत 51 प्रकाशवर्ष दूर स्थित ग्रह प्रणाली से आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि नीदरलैंड स्थित रेडियो दूरबीन ने Low-Frequency Array (LOFAR) का इस्तेमाल कर Tau Bootes तारे की प्रणाली से आ रहे रेडियो संकेतों का पता लागया है। इसके बहुत करीब गैस से बना ग्रह चक्कर लगा रहा है और जिसे कथित 'गर्म बृहस्पति' के नाम से भी जाना जाता है।

पहली बार रेडियो संकेत से खोज
जर्नल 'ऐस्ट्रोनॉमी ऐंड एस्ट्रोफिजिक्स' में प्रकाशित रिसर्च पेपर में बताया गया कि केवल Tau Bootes ग्रह प्रणाली से ही निकल रहे रेडियो संकेत का पता चला है जो शायद ग्रह के विशेष चुंबकीय क्षेत्र की वजह से निकल रहे हैं। वहीं, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर जेक डी टर्नर ने कहा, 'रेडियो संकेत के जरिये हमने पहली बार सौर मंडल के बाहर ग्रह का पहला संकेत पेश किया है।' उन्होंने कहा, 'ये संकेत Tau Bootes प्रणाली से आ रहे हैं जिसमें दो तारे और ग्रह है। हमने ग्रह से संकेत आने का मामला पेश किया है।'


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