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शोध में दावा: डिमेंशिया से जूझ रहे बुजुर्गों के लिए मददगार है video call

Neha Dani
18 May 2021 3:56 AM GMT
शोध में दावा: डिमेंशिया से जूझ रहे बुजुर्गों के लिए मददगार है video call
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हमारे मस्तिष्क की बीमारियों को भी दूर करने में लाभदायक है।

कोरोना महामारी की वजह से लोगों में बहुत ज्यादा दूरियां आ गई हैं। रिश्तों की इन दूरियों को कम करने में वीडियो कॉल मददगार साबित हो रही है। वृद्धों पर इसका बड़ा ही सकारात्मक असर पड़ा है। एक शोध में दावा किया गया है कि जूम एप पर हर रोज बात करने वाले डिमेंशिया से जूझ रहे बुजुर्गों की हालत में सुधार आया है।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि नियमित संचार से वृद्धों की स्मृति को लंबा बनाए रखने में मददगार साबित होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट लंदन के गेलर इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग एंड मेमोरी द्वारा किए गए अध्ययन में 50 वर्ष से अधिक आयु के 11,418 पुरुषों और महिलाओं के संचार का अध्ययन किया गया। इस दौरान उनसे पूछा गया कि वो कैसे फोन पर और आमने-सामने कैसे अपने परिवार और दोस्तों से ऑनलाइन बातचीत करते हैं। इसके बाद इन लोगों का एक स्मृति टेस्ट भी किया गया।
इसमें एक लिस्ट थी जिसमें इन लोगों को दस शब्दों को याद करके लिखना था। ऐसे प्रतिभागी जो आमने-सामने ज्यादा रहने हैं उनकी स्मृति कमजोर पाई गई उनके तुलना में जो रोज तकनीक का इस्तेमाल कर अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत किया करते थे।
शोध के प्रमुख स्नोरी रैफसन कहते हैं कि इस लॉकडाउन के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग तकनीक का इस्तेमाल कर एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। ये प्रमाणित करता है कि किस तरह से तकनीक रिश्तों को बनाए रखने में तथा सामाजिक अलगाव को दूर करने में मदद कर सकती है। ये हमारे मस्तिष्क की बीमारियों को भी दूर करने में लाभदायक है।





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