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शार्क पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल जीपीएस के तौर पर करती है जिससे उसे समंदर में बहुत दूर तक यात्रा करने में मदद मिलती है।
शार्क पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल जीपीएस के तौर पर करती है जिससे उसे समंदर में बहुत दूर तक यात्रा करने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुसार जलीय जीव खासकर कछुआ भी तैरने के दौरान इसका सहारा लेता है।
शोधकर्ता ब्रायन केलर के अनुसार यह अद्भुत है कि शार्क 20,000 किलोमीटर तक की यात्रा करने के बाद उसी स्थान पर आकर वापस रुकती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार वह यात्रा के दौरान समंदर में कुछ चिन्हों का ध्यान रखती हैं। फिलहाल इस पर और अध्ययन किया जा रहा है कि आखिर वह चुंबकीय क्षेत्र का किस तरीके से इस्तेमाल करती हैं।
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