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सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान की सीनेट सिविल सेवा नियमों में एक ऐसे संशोधन प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसमें सरकार के शीर्ष अधिकारियों के लिए दोहरी नागरिकता रखने पर रोक लगाने की मांग की गई है। मीडिया में शुक्रवार को आई खबरों के मुताबिक, इस कदम से 20,000 से ज्यादा नौकरशाह प्रभावित होंगे। दोहरी नागरिकता पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 22000 शीर्ष सरकारी अधिकारी दोहरे नागरिक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 11000 अधिकारी पुलिस और नौकरशाही से जुड़े हैं।
पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम 1951 के तहत नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति हासिल है। दोहरी नागरिकता रखने वाले पाकिस्तानी न तो सार्वजनिक पद हासिल कर सकते हैं और ना ही सांसद बन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए चुनाव लड़ना या सेना में शामिल होना भी प्रतिबंधित है। सितंबर 2012 में देश की शीर्ष अदालत ने 11 सांसदों को अपनी दोहरी नागरिकता जाहिर नहीं करने पर अयोग्य करार दिया था।
मंत्रिमंडल सचिवालय पर सीनेट की स्थायी समिति के सामने गुरुवार को सिविल सेवा नियम में संशोधन लाया गया। 17 जनवरी को एसीनेटर अफनान उल्लाह खान ने 'दी सिविल सर्वेट (संशोधन) विधेयक 2022' पेश किया था।
समाचारपत्र डान के मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन में नौकरशाहों को दोहरी नागरिकता रखने पर रोक लगाने की मांग की गई है। दोहरी नागरिकता रखने वाले नौकरशाहों को विदेश की नागरिकता त्यागने के लिए समयसीमा तय करने का सुझाव दिया गया है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री अली मुहम्मद खान का विचार है कि सरकारी नौकर सेवा के दौरान दोहरी नागरिकता नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि एक ही समय कोई व्यक्ति दो देशों का भरोसेमंद नहीं हो सकता।
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