पेड़ लगाना अच्छी बात है लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि पुराने पेड़ काटकर नए पेड़ लगाना ज्यादा अच्छी बात नहीं है. इस आधार पर भारत की नीतियों की आलोचना हो रही है.वैज्ञानिक, कार्यकर्ता और वृक्ष-प्रेमी रवि चोपड़ा के लिए यह मंजर दिल दुखाने वाला है. उनके घर के पास जहां कभी एक घना जंगल हुआ करता था, वहां अब सिर्फ सपाट पीली जमीन नजर आती है. जगह-जगह बजरी और सड़क बनाने के लिए जरूरी अन्य साज ओ सामान के ढेर लगे हैं और सड़क निर्माण के लिए मजदूरों की आवाजाही है. हिमालयी शहर देहरादून में रहने वाले चोपड़ा कहते हैं, "यह सब हमें पागल कर रहा है. अपने जंगल काटने के लिए हमें बहुत भारी कीमत चुकानी होगी.” रवि चोपड़ा एक संस्था चलाते हैं जो पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करती है. वह आजकल देहरादून दो सड़कों को चौड़ा करने के लिए पेड़ों की कटाई से दुखी हैं. देश भर में सड़क, बिजली और अन्य परियोजनाओं के लिए पेड़ों की कटाई जोरों से हो रही है. सरकारी आंकड़ों को मुताबिक 2016 से 2021 के बीच 83,000 हेक्टेयर जंगल काटे जा चुके हैं.