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हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस वक्त अफगान लोगों के साथ खड़ा होने की अपील करते हैं.”
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश में अनिश्चितता की स्थिति है. तालिबान ने लोगों से काम पर लौटने की भी अपील की है लेकिन ज्यादातर सरकारी कर्मचारी छिपे हैं और देश से भाग जाने की कोशिश में हैं.
तालिबान अगले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान में अपनी नई सरकार चलाने के लिए ढांचे की घोषणा कर सकता है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी है. इससे पहले तालिबान ने अभी तक सिर्फ इतना कहा था कि वह शरिया या इस्लामी कानून के आधार पर सरकार चलाएगा. हालांकि तालिबान ने वादा किया है कि अफगानिस्तान पर अपने पिछले शासन की तुलना में वे उदार होंगे.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस्लामी संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा, "तालिबान में कानूनी, धार्मिक और विदेश नीतियों के एक्सपर्ट सरकार की नई शासन प्रणाली का ढांचा अगले कुछ हफ्तों में घोषित करेंगे." तालिबान ने अभी तक यह नहीं बताया है कि अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को बदलने की उनकी योजना है या नहीं.
इससे पहले शुक्रवार को तालिबान के साथ बातचीत से अवगत एक अफगान अधिकारी ने कहा था कि समूह की आगामी सरकार में बारे में कोई भी निर्णय करने या घोषणा करने के बारे में 31 अगस्त तक कोई योजना नहीं है. यह तारीख अमेरिका के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की है.
मीडिया को जानकारी देने के लिए यह अधिकारी अधिकृत नहीं हैं और इसलिए नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर उन्होंने कहा कि तालिबान के मुख्य वार्ताकार अनस हक्कानी ने अपनी पूर्व सरकार के वार्ताकारों से कहा है कि समूह का अमेरिका के साथ समझौता है कि अंतिम वापसी प्रक्रिया की तारीख तक ''कुछ नहीं करना है.''
तालिबान ने अधिकारियों से काम पर लौटने की अपील की
उन्होंने यह नहीं बताया कि कुछ नहीं करने का संदर्भ केवल राजनीतिक क्षेत्र के लिए है. हक्कानी के बयान से यह चिंता उभरती है कि समूह 31 अगस्त के बाद के लिए क्या योजना बना रहा है और क्या वे अगली सरकार में गैर तालिबानी अधिकारियों को शामिल करने के वादे को पूरा करेंगे.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश में अनिश्चितता की स्थिति है. खासकर महिलाओं के अधिकारों को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में तालिबान ने लोगों से काम पर लौटने की भी अपील की है लेकिन ज्यादातर सरकारी कर्मचारी छिपे हैं और देश से भाग जाने की कोशिश में हैं.
देश में नकदी और खाद्यान्न संकट की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने आयात पर आश्रित 3.8 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश के सामने खाद्यान्न की भारी कमी होने की चेतावनी दी है. विशेषज्ञों ने कहा कि देश के सामने नकदी की भी कमी है और तालिबान के सामने वही समस्या है जो नागरिक सरकार के सामने थी, क्योंकि जिस स्तर का अंतराष्ट्रीय सहयोग नागरिक सरकार को प्राप्त था, वैसा सहयोग तालिबान को नहीं मिल रहा है.
अफगानिस्तान में विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रमुख मेरी एलन मैक्ग्रोर्थी ने कहा, "हमारी आंखों के सामने एक बहुत बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो रहा है." उन्होंने कहा कि खाद्यान्न आयात की मुश्किलों के अलावा सूखे से देश की 40 फीसद फसल नष्ट हो गई है. उन्होंने कहा, "यह वाकई अफगानिस्तान की बहुत बड़ी जरूरत की घड़ी है और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस वक्त अफगान लोगों के साथ खड़ा होने की अपील करते हैं."
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