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रिपोर्ट: 1990 के बाद से अब तक 138 पत्रकारों की हत्या

Neha Dani
13 Dec 2020 3:15 AM GMT
रिपोर्ट: 1990 के बाद से अब तक 138 पत्रकारों की हत्या
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इंटरनेशल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने व्हाइट पेपर ऑन ग्लोबल जर्नलिज्म में पाकिस्तान समेत पांच ऐसे देशों के नाम जारी किए हैं,

इंटरनेशल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने व्हाइट पेपर ऑन ग्लोबल जर्नलिज्म में पाकिस्तान समेत पांच ऐसे देशों के नाम जारी किए हैं, जो पत्रकारिता के लिए सबसे असुरक्षित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 से 2020 के बीच पाकिस्तान में 138 पत्रकारों की हत्या के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि डॉन के मुताबिक, इस अवधि में 2,658 पत्रकार ड्यूटी पर अपनी जान गंवा चुके हैं।

इस सूची में सबसे ऊपर इराक है, जहां 340 पत्रकारों की हत्या हुई है। इसके बाद मेक्सिको में 178, फिलीपींस में 178 पत्रकारों की हत्या हुई। जबकि पाकिस्तान इस सूची में तीसरे नंबर पर है। इस साल आईएफजे ने 15 देशों में 24 पत्रकारों की हत्या के मामले दर्ज किए हैं। पत्रकारों की हत्या के सर्वाधिक मामलों में इस साल लगातार चौथी बार मेक्सिको शीर्ष पर है। पांच सालों में यहां 13 पत्रकार मारे गए जबकि पाकिस्तान में 5 तथा अफगानिस्तान, इराक, नाइजीरिया में तीन-तीन पत्रकारों की हत्या के मामले दर्ज हुए हैं।
ईरान में 2017 के प्रदर्शनों को हवा देने के आरोप में पत्रकार को फांसी
ईरान ने 2017 के दौरान देश में हुए प्रदर्शनों को हवा देने के आरोप में एक पत्रकार को फांसी दे दी है। पत्रकार रूहुल्ला जम के ऑनलाइन कामों से 2017 में आर्थिक स्थिति को लेकर हुए प्रदर्शनों को हवा देने में मदद मिली थी। ईरान की सरकारी टीवी ने कहा कि जम को शनिवार की सुबह फांसी दी गई। जून में जम को एक अदालत ने मौत की सजा सुनाते हुए उन्हें धरती पर फसाद का दोषी ठहराया था।



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