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चर्च में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन रोमन मंदिर के अवशेष

Nilmani Pal
27 Nov 2022 5:17 AM GMT
चर्च में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन रोमन मंदिर के अवशेष
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सोर  न्यूज़  -  आज तक  

क्रोएशिया में 18वीं सदी के चर्च के नीचे प्राचीन रोमन मंदिर के अवशेष मिले हैं. खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष देखकर पुरातत्वविद भी हैरान हैं. यह चर्च क्रोएशिया के सिबेनिक के पास दनिलो में स्थित है जिसे संत डेनियल चर्च के नाम से जाना जाता है. खास बात है कि वर्तमान में सिबेनिक शहर जिस जगह पर बसा हुआ है, वहां पहले रोमन शहर रिडिट हुआ करता था, इसके बावजूद भी इस प्राचीन मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. पोलैंड और क्रोएशिया के पुरातत्वविदों की संयुक्त टीम साइट पर उत्खनन का कार्य कर रही थी. पुरातत्वविदों की टीम ने मंदिर की खोज LIDAR एरियल स्कैनिंग टेक्नोलॉजी की मदद से की है. टीम को जो अवशेष मिले, वह मंदिर में प्रवेश का मुख्य रास्ता बताया जा रहा है.

खास बात है कि जो टीम साइट पर खुदाई कर रही है, उसे मंदिर के अलावा चर्च के पास ही एक पुराना कब्रिस्तान भी मिला है. ईसाई धर्म का यह कब्रिस्तान नौंवी से 15वीं सदी का बताया जा रहा है.

पोलैंड की रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर फैबियन वेल्क ने बताया कि जिस जगह पर यह मंदिर मिला है, यह जगह प्राचीन समय में एक ऐसी सार्वजनिक जगह (फोरम) होगी, जहां इसके अलावा भी कई और अहम चीजें रही होंगी. प्रोफेसर के अनुसार, इस जगह पर मंदिर के साथ प्रशासनिक इमारतें जैसे कोर्ट और दफ्तर भी रहे होंगे.

प्रोफेसर ने कहा कि जो डाटा हमें मिला है, उसके अनुसार, चर्च और उससे सटे कब्रिस्तान के नीचे जो मंदिर के अवशेष मिले हैं, वह उस समय के रोमन शहर के एक जरूरी हिस्से में स्थित होगा. प्रोफेसर ने बताया कि, उस समय पर रोमन शहरों में फोरम एक बड़ा सेंटर हुआ करता था. यह फोरम शहरों के सेंट्रल पॉइंट्स पर बनाया जाता था, जहां लोगों की समाजिक और आर्थिक, दोनों मामलों में आवाजाही रहती थी. शोधकर्ताओं के अनुसार, प्राचीन मंदिर के ऊपर सिर्फ चर्च ही नहीं बल्कि पुराना कब्रिस्तान भी बना हुआ है. हालांकि, कब्रिस्तान मुख्य जगह से थोड़ा सा दूर है, लेकिन सभी एक ही रेंज के अंदर हैं.

प्रोफेसर वेल्क ने बताया कि इसका अर्थ यह है कि जो कब्रिस्तान मिला है, यह मंदिर के पास की रोमन इमारतों के ऊपर बनाया गया है. मालूम हो कि चर्च के नीचे चल रहे उत्खनन का कार्य साल 2019 में शुरू हुआ था. इस प्रोजेक्ट पर पोलैंड और क्रोएशिया के पुरातत्वविदों की संयुक्त टीम काम कर रही है.


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