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ट्रांसजेंडर के कपड़े की वजह से भड़के धार्मिक लोग, देश छोड़कर भागी, जानिए क्या है पूरा माजरा

jantaserishta.com
19 Nov 2021 10:00 AM GMT
ट्रांसजेंडर के कपड़े की वजह से भड़के धार्मिक लोग, देश छोड़कर भागी, जानिए क्या है पूरा माजरा
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हालात ऐसे हुए कि उस ट्रांसजेंडर को देश छोड़कर भागना पड़ा.

नई दिल्ली: मलेशिया में एक ट्रांसजेंडर (Malaysian Transgender) मॉडल को धार्मिक समारोह में हिजाब पहनने के चलते प्रताड़ित किया गया. उसपर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगा. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालात ऐसे हुए कि उस ट्रांसजेंडर को देश छोड़कर भागना पड़ा.

36 वर्षीय ट्रांसजेंडर का नाम नूर सजत कमरुज्जमान (Nur Sajat Kamaruzzaman) है, जो सोशल मीडिया पर बेहद पॉपुलर हैं. नूर एक मॉडल भी हैं. वो ऑस्ट्रेलिया से माइग्रेट होकर मलेशिया आई, लेकिन बीते दिनों यहां उनके धार्मिक समारोह में हिजाब पहनने पर विवाद हो गया. जिसके चलते उन्हें फिर से ऑस्ट्रेलिया भागना पड़ा.
हालांकि, मलेशियाई अधिकारियों ने नूर के तुरंत प्रत्यर्पण की मांग की है. अगर उनपर केस चला और दोषी पाई गई तो उन्हें तीन साल तक की जेल हो सकती है.
क्या है मामला?
दरअसल, नूर ने 2018 में आयोजित एक निजी धार्मिक समारोह में मुस्लिम महिलाओं के तरीके हिजाब पहना था. उन्होंने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दीं. इसकी के बाद विवाद शुरू हो गया. मलेशियाई अधिकारियों के मुताबिक, नूर एक पुरुष है और इस्लामी कानून के तहत, पुरुष महिला के कपड़े नहीं पहन सकता है. नूर एक ट्रांसजेंडर महिला है, उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया गया था.
बीबीसी से बात करते हुए नूर ने कहा कि मलेशिया के सेलंगोर राज्य में धार्मिक मामलों के विभाग, JAIS के अधिकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद, उसके पास भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. JAIS ने उसके खिलाफ इस्लाम के अपमान के आरोप लगाए थे.
नूर सजत ने सुनाई आपबीती
नूर ने कहा, "मुझे भागना पड़ा. मेरे साथ कठोर व्यवहार किया गया, मेरे माता-पिता और परिवार के सामने मुझे मारा गया, धक्का दिया गया, हथकड़ी लगाई गई. मुझे शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. दुख भी हुआ. मैंने उन्हें सहयोग किया लेकिन उन्होंने फिर भी मेरे साथ ऐसा किया."
नूर सजत ने आगे कहा- "शायद यह इसलिए था क्योंकि वे मुझे एक ट्रांस महिला के रूप में देखते हैं, इसलिए उन्होंने परवाह नहीं की कि मुझे पकड़ा गया, पीटा गया. हम ट्रांस महिलाओं में भी भावनाएं होती हैं. हम सामान्य लोगों की तरह अपना जीवन जीने के लायक हैं."
वहीं मलेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्री इदरीस अहमद ने कहा- "अगर वह देश आने को तैयार है और गलती स्वीकार करती है तो कोई समस्या नहीं है. हम उसे दंडित नहीं करना चाहते हैं, हम सिर्फ उसे शिक्षित करना चाहते हैं." हालांकि, एक दूसरे मुस्लिम नेता ने कहा, "मेरे लिए नूर एक अलग मामला है. उसने कई ऐसे काम किए हैं, जिसने धार्मिक लोगों को प्रतिक्रिया देने के लिए उकसाया है."


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